सिंदूर का सौदा होता रहा, प्रधानमंत्री चुप रहे…कांग्रेस ने फिर साधा मोदी और जयशंकर पर निशाना

राष्ट्रीय जजमेंट

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों से निपटने के सरकार के तरीके पर चिंता जताई। उन्होंने सरकार पर ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पाकिस्तान को पहले से सूचित करने का आरोप लगाया। खेड़ा ने दावा किया कि भारत ने आतंकवादी स्थलों पर हमला करने से पहले ही सूचित कर दिया था, “सिंदूर का सौदा हो रहा है, पीएम मोदी चुप रहे…।” उन्होंने इस कृत्य को निर्णय की गंभीर त्रुटि बताया। खेड़ा ने पूछा, “अगर उन्होंने (एस जयशंकर) पाकिस्तान को पहले से आगाह नहीं किया होता, तो क्या अजहर मसूद और हाफिज सईद जैसे आतंकवादी बच निकलते?”खेड़ा ने एक्स पर राहुल गांधी द्वारा हाल ही में पोस्ट किए गए पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें विदेश मंत्री जयशंकर द्वारा जवाबी कार्रवाई से पहले पाकिस्तान को सूचित करने के कथित बयान पर सवाल उठाया गया था। उन्होंने कहा, “यह जानना महत्वपूर्ण है कि कितने विमान खो गए, देश को कितना नुकसान हुआ और कितने आतंकवादी बच निकले। नागरिकों को जानने का अधिकार है।” उन्होंने कहा, “यह जानना महत्वपूर्ण है कि कितने विमान नष्ट हुए, देश को कितना नुकसान हुआ और कितने आतंकवादी बच निकले। नागरिकों को यह जानने का अधिकार है।”
पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी ने विदेश मंत्री के बयान पर कुछ सवाल पूछे हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है, क्योंकि पिछले एक हफ्ते में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अलग-अलग देशों में एक बात दोहराते रहे कि उन्होंने युद्ध रुकवाने में मध्यस्थता की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप ने एक बहुत खौफ़नाक बात यह भी बोली कि उन्होंने भारत को व्यापार रोकने की धमकी देकर युद्ध रुकवाया। यानी सिंदूर का सौदा होता रहा, प्रधानमंत्री चुप रहे। विदेश मंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा।’’ खेड़ा ने दावा किया, ‘‘हमें नहीं मालूम कि अमेरिका और चीन के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री और भाजपा के नेताओं के ऐसे कौन से राज हैं, क्योंकि इनका कभी अमेरिका और चीन के आगे मुंह नहीं खुलता। जब भी मुंह खुलता है तो सीधा क्लीन चिट देने के लिए खुलता है।’’ उनका कहना था, ‘‘पूरे देश और दुनिया को मालूम है कि इस युद्ध में चीन की क्या भूमिका रही है और अमेरिका ख़ुद इस युद्ध को रोकने में अपनी भूमिका आगे बढ़-चढ़कर बता रहा है, लेकिन जयशंकर जी का मुंह नहीं खुलता।’’

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More