दिल्ली पुलिस ने 32.3 लाख रुपए के निवेश घोटाले का किया पर्दाफाश, 5 गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिला के थाना साइबर क्राइम ने एक हाई-टेक निवेश धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह दिल्ली, अलीगढ़, उधम सिंह नगर, बस्ती और कानपुर में सक्रिय था। पुलिस ने 5 करोड़ रुपए की मनी ट्रेल का पता लगाया, जिसमें चीनी और कंबोडियन संचालकों की संलिप्तता सामने आई है।

22 अप्रैल को करावल नगर निवासी ने 32.3 लाख रुपए की ठगी की शिकायत दर्ज की। शिकायतकर्ता को व्हाट्सएप के जरिए फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग स्कीम में फंसाया गया, जहां विशाल शर्मा और उषा रानी जैसे फर्जी वित्तीय सलाहकारों ने भारतीय और अमेरिकी शेयरों में भारी मुनाफे का लालच दिया। शुरुआती मुनाफा दिखाने के बाद पीड़ित को और निवेश के लिए मजबूर किया गया, फिर झूठी पेनल्टी लगाकर उनका खाता फ्रीज कर दिया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की। इंस्पेक्टर राहुल कुमार की अगुवाई में एक विशेष टीम ने जांच शुरू की। टीम ने दिल्ली, अलीगढ़, उधम सिंह नगर, बस्ती और कानपुर में छापेमारी कर पांच आरोपियो को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अलीगढ़ निवासी 26 वर्षीय सूरज चौधरी, प्रयागराज निवासी 27 वर्षीय विक्की बोरा, कानपुर निवासी 31 वर्षीय गिरीश पांडे, कानपुर निवासी 34 वर्षीय अविनाश कुमार और बस्ती निवासी 32 वर्षीय मक्खन उर्फ अंकुर के रूप में हुई हैं। उनके पास से दो मोबाइल फोन, बैंक रिकॉर्ड और डिजिटल सबूत जब्त किए गए।

जांच में पता चला कि यह गिरोह फर्जी कंपनियों, जैसे ट्रैवलीज बर्ड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करता था। पीड़ितों को व्हाट्सएप ग्रुप में फर्जी सलाहकारों के साथ जोड़ा जाता था। ठगी की रकम को को-ऑपरेटिव बैंकों में आरटीजीएस और क्रिप्टोकरेंसी जरिए कंबोडिया भेजा जाता था। आरोपियों ने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि वे चीनी संचालक निओ और कंबोडियन नेटवर्क के साथ टेलीग्राम के जरिए समन्वय करते थे। पुलिस ने ₹5 करोड़ की मनी ट्रेल का खुलासा किया और मामले में आगे की जांच जारी है।

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