दिल्ली पुलिस ने शेयर बाजार घोटाले के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का किया भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ इकाई ने एक बड़े शेयर बाजार निवेश घोटाले को चलाने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधी सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें गुजरात का एक चीनी एजेंट और उत्तराखंड का एक खाताधारक शामिल है। पुलिस ने छह मोबाइल फोन और विभिन्न चीनी ऐप्स व ऑनलाइन वॉलेट बरामद किए हैं, जिनका उपयोग साइबर धोखाधड़ी में किया जा रहा था।

आईएफएसओ डीसीपी डॉ. हेमंत तिवारी ने बताया कि 2 अप्रैल को शिकायतकर्ता अशोक कुमार ने आईएफएसओ में शिकायत दर्ज की। उन्होंने आरोप लगाया कि साइबर अपराधियों ने उन्हें आईपीओ और स्टॉक ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच देकर 64.75 लाख रुपये की ठगी की। अपराधियों ने शिकायतकर्ता को बिजनेस कैटेलिस्ट मार्केट लिमिटेड के नाम से फर्जी डिमैट खाता खोलने के लिए उकसाया और पांच अलग-अलग बैंक खातों में राशि स्थानांतरित करवाई। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

एसीपी जय प्रकाश के नेतृत्व में गठित टीम ने तकनीकी निगरानी और बैंक खातों के विश्लेषण के जरिए दो मुख्य आरोपियों की पहचान की। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में सूरत, गुजरात निवासी 25 वर्षीय वड्डोरिया केविन मुकेशभाई और रुड़की, हरिद्वार निवासी 32 वर्षीय अब्दुल बारिक शामिल हैं। केविन पहले भी महाराष्ट्र में एक डिजिटल गिरफ्तारी मामले में गिरफ्तार हो चुका है, जबकि बारिक शाहदरा साइबर क्राइम मामले में वांछित था।

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी टेलीग्राम पर गेमिंग अड्डा और हाई-पे जैसे चीनी साइबर समूहों के साथ मिलकर काम कर रहे थे। केविन सोशल मीडिया पर कमीशन के बदले बैंक खाते उपलब्ध कराने के विज्ञापन देता था। अब्दुल बारिक ने ऐसे ही एक विज्ञापन के जरिए केविन से संपर्क किया और एक चीनी एजेंट के लिए खाते व सिम कार्ड उपलब्ध कराए। दोनों आरोपी बिनेंस ऐप के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में कमीशन प्राप्त करते थे। धोखाधड़ी की राशि को कई खातों में स्थानांतरित कर विदेशी साइबर अपराधियों तक पहुंचाया जाता था।

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से छह मोबाइल फोन और विभिन्न चीनी ऐप्स व ऑनलाइन वॉलेट बरामद किए हैं। अन्य संलिप्त बैंक खातों और सहयोगियों की पहचान के लिए जांच जारी है।

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