राष्ट्रीय जजमेंट

एक साल पहले आपके खिलाफ कोई एक्शन न लेकर हमने गलती कर दी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री पर इतना क्यों भड़क गया सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की राज्य विधानसभा में की गई टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताई है। रेड्डी ने कहा था कि विधायकों के पाला बदलने पर भी राज्य में कोई उपचुनाव नहीं होगा। न्यायमूर्ति बी आर गवई ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा आपके माननीय मुख्यमंत्री दसवीं अनुसूची का मज़ाक उड़ा रहे हैं। दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है। सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल होने वाले पार्टी विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में तेलंगाना अध्यक्ष द्वारा की गई देरी के खिलाफ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायकों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति गवई दो न्यायाधीशों वाली पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने यह टिप्पणी बीआरएस विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी आर्यमा सुंदरम द्वारा कथित बयान का हवाला दिए जाने के बाद की। सुंदरम ने मुख्यमंत्री के हवाले से कहा कि माननीय अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से मैं सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उन्हें उपचुनावों के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। कोई उपचुनाव नहीं होगा। भले ही वे (बीआरएस) अपनी सीटों के लिए उपचुनाव चाहते हों, लेकिन कोई उपचुनाव नहीं होगा। भले ही उनके सदस्य पक्ष बदल लें, लेकिन उपचुनाव नहीं होगा। रोहतगी ने पीठ से कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह बयान किस संदर्भ में दिया गया था और उन्होंने कहा कि अगर बीआरएस विधायकों को कोई शिकायत है तो उन्हें आवेदन दाखिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री की ओर से पेश नहीं हो रहे हैं। न्यायमूर्ति गवई ने उन्हें याद दिलाया कि वह मुख्यमंत्री का प्रतिनिधित्व करते हुए एक अन्य मामले में पेश हुए थे। जाहिर है, यह संदर्भ रेड्डी के खिलाफ 2015 के कैश-फॉर-वोट मामले में सुनवाई को तेलंगाना से भोपाल, मध्य प्रदेश में स्थानांतरित करने की मांग करने वाली याचिका पर पिछले साल अगस्त में हुई सुनवाई से संबंधित था। तब अदालत को बताया गया कि रेड्डी ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में बीआरएस नेता के कविता को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने पर टिप्पणी करते हुए, “बीआरएस और भाजपा के बीच सौदेबाजी” का सुझाव दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने इसकी आलोचना की, जिसके बाद रोहतगी ने माफ़ी मांगी।

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राज्यसभा में जेपी नड्डा ने गिनाई वक्फ बिल की खूबियां, बोले- हम लिप सर्विस नहीं, रियल सर्विस करते हैं

राज्यसभा के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि यह देश के हित में है। उन्होंने कहा कि विपक्ष वक्फ विधेयक को बुलडोज करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि मैं इस विधेयक के समर्थन में खड़ा हूँ और मुझे उम्मीद है कि सदन भी इसका समर्थन करेगा। मुझे उम्मीद है कि उम्मीद (एकीकृत वक्फ प्रबंधन सशक्तीकरण, दक्षता और विकास) का समर्थन होगा। इस विधेयक का मूल उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में सुधार और उचित प्रबंधन लाना है। इस पर बहुत चर्चा हुई है। नड्डा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लाए गए इस वक्फ विधेयक को ध्वस्त करने के लिए शोर मचाया जा रहा है। एक जिम्मेदार राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, मैं इस शोर को रोकता हूँ और इस नैरेटिव का विरोध करता हूँ। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में कहा जाता है कि ‘जब आपके पास तर्क होते हैं, तो आप तर्कपूर्ण होते हैं और उसी के अनुसार बोलते हैं, और जब आपके पास तर्क नहीं होते, तो आप अपनी आवाज उठाते हैं और सनसनी फैलाने की कोशिश करते हैं।’ मैंने देखा कि बहस पटरी से उतर गई और भटक गई। मैंने कल लोकसभा में भी यही देखा।जेपी नड्डा ने दावा किया कि वक्फ संशोधन बिल देश के हित में है। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल से जवाबदेही बनाने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया। उन्होंने दावा किया कि मुख्यधारा में मुस्लिम बहनों को लाने से कांग्रेस ने रोका है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारी कोशिश सिर्फ नियमों के दायरे में लाना है। उन्होंने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक राष्ट्रहित में है, विपक्ष मुद्दे को भटकाने और गलत विमर्श बनाने की कोशिश कर रहा है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सभी लोकतांत्रिक मानदंडों का पालन कर रही है। आपने (विपक्ष ने) संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग की थी, और हमने इसका गठन किया। 2013 में जब वक्फ बिल के लिए जेपीसी का गठन किया गया था, तब इसमें केवल 13 सदस्य थे। लेकिन मोदी सरकार के तहत गठित जेपीसी में 31 सदस्य हैं। जेपीसी ने 36 बैठकें कीं और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसकी गतिविधियों पर 200 घंटे से अधिक समय व्यतीत किया गया।उनन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ इस मंत्र को लेकर चले हैं और इसको उन्होंने पूरा किया है। मोदी जी की गरीब कल्याण अन्न योजना से लेकर पीएम आवास योजना, शौचालय… सभी योजनाओं का लाभ हर वर्ग के जरूरतमंदों को मिला है, देश की जनता को मिला है। हम लिप सर्विस नहीं, रियल सर्विस करते हैं। उन्होंने कहा कि इस बिल के माध्यम से हमने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम समुदाय का, वक्फ की प्रॉपर्टी का सही से उपयोग हो सके। इस बिल में उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रॉपर्टी सही हाथों में रहे।

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