संतों ने समाज में महिलाओं के लिए सम्मानजनक स्थान सुनिश्चित किया है : राष्ट्रपति मुर्मु

राष्ट्रीय जजमेंट

छतरपुर (मध्य प्रदेश) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत में संतों ने समाज में महिलाओं के लिए सम्मानजनक स्थान सुनिश्चित किया है और देश आज ‘महिला विकास से महिला-नीत विकास’ की ओर बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव के बागेश्वर धाम में आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा, ‘‘समकालीन संत आत्मनिर्भर, सामंजस्यपूर्ण और पर्यावरण के अनुकूल भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।’’ इस सामूहिक विवाह समरोह में 251 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ।उन्होंने कहा, ‘‘संत समुदाय ने समाज से सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाकर उन्हें दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और समाज में महिलाओं के लिए सम्मानजनक स्थान सुनिश्चित किया है।’’ मुर्मू ने कहा, ‘‘आज, जब हमारा देश महिला विकास से महिला-नीत वाले विकास की ओर बढ़ रहा है, तो हमें अपनी बेटियों और बहनों को मजबूत और सक्षम बनाने में योगदान देना चाहिए।’’ उन्होंने लोगों से महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान देने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारे छोटे-छोटे प्रयास बहन बेटियों को सशक्त बनाएंगे।’’उन्होंने महिलाओं को उनकी शिक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए निरंतर प्रयास करने की सलाह दी। मुर्मू ने कहा कि भारतीय परंपरा में संतों ने सदियों से अपने कर्म और वाणी से जनमानस को राह दिखाई है और उन्होंने समाज में फैले अंधविश्वासों के बारे में लोगों को जागरूक किया है, छुआ-छूत और ऊंच-नीच के भेद-भाव को दूर करने की सीख दी है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक, संत रविदास, संत कबीर दास, मीरा बाई या संत तुकाराम सभी ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से लोगों को सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया है। सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन के लिए बागेश्वर धाम की प्रशंसा करते हुए मुर्मू ने कहा कि इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीन और अन्य जरूरी सामान दिए जा रहे हैं।उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी महिलाओं से अपील करती हूं कि वे खुद को शिक्षित करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए निरंतर प्रयास करें। जब आप सफल होंगी, तो हमारा समाज और हमारा देश सफल होगा।’’ मुर्मू ने कहा, ‘‘हमने 2047 में अपनी आजादी की शताब्दी मनाने और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है।’’ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि सामूहिक विवाह समारोह में शादी करने वाले जोड़ों को राज्य सरकार की योजनाओं के तहत 51 हजार रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। राज्यपाल मंगूभाई पटेल और बागेश्वर पीठ के संत धीरेंद्र शास्त्री ने भी समारोह को संबोधित किया।

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