‘सब चंगा सी’ का ढोल पीटने से ही फुर्सत नहीं, शिवराज के ट्वीट को लेकर कांग्रेस का मोदी सरकार पर तंज

राष्ट्रीय जजमेंट

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भोपाल से दिल्ली जाते समय टूटी सीट आवंटित होने पर एयर इंडिया की आलोचना की। उन्होंने इस मुद्दे पर चिंता जताई और कहा कि मामला बैठने में उनकी असुविधा के बारे में नहीं है, बल्कि यात्रियों को असुविधाजनक सीटों पर बैठाना अनैतिक है। इसको लेकर उन्होंने एक ट्वीट भी किया। अब इसी पर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने शिवराज के बहाने मोदी सरकार पर निशाना साधा है और हर सेक्टर का भट्ठा बैठाने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस ने एक्स पर लिखा कि मोदी सरकार ने हर सेक्टर का भट्ठा बैठा दिया है। रेल में यात्री परेशान हैं। प्लेन में यात्री परेशान हैं। लोग शिकायत करते रहते हैं, वीडियो बनाते रहते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। एक्स पोस्ट में कहा गया है कि अब शिवराज जी को दिक्कत हुई है तो ट्वीट कर रहे हैं, हो सकता है इसपर एक्शन भी लिया जाए। लेकिन हालात सुधरने वाले नहीं हैं, क्योंकि कोई भी सिस्टम ऊपर से ठीक होता है। और ऊपर तो ‘सब चंगा सी’ का ढोल पीटने से ही फुर्सत नहीं. लोग परेशानी झेलते हैं।

शिवराज ने इससे पहले अपने पोस्ट में लिखा था कि आज मुझे भोपाल से दिल्ली आना था, पूसा में किसान मेले का उद्घाटन, कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक और चंडीगढ़ में किसान संगठन के माननीय प्रतिनिधियों से चर्चा करनी है। मैंने एयर इंडिया की फ्लाइट क्रमांक AI436 में टिकिट करवाया था, मुझे सीट क्रमांक 8C आवंटित हुई। मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी। बैठना तकलीफदायक था। जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए। ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सहयात्रियों ने मुझे बहुत आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदल कर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं, मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा। मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एयर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला। मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है। क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा।

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