घोड़े के साथ…शिलाजीत का प्रचार करते हुए बाबा रामदेव ने ऐसा क्या किया? ब्रायन जॉनसन ने किया रिएक्ट को कर दिया ब्लॉक

राष्ट्रीय जजमेंट

योग गुरु रामदेव की उम्र लगभग 60 साल है। लेकिन सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव की वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें वो घोड़े से भी तेज दौड़ रहे हैं। वो ऐसा इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि उन्होंने शीलाजीत खाई हुई है। योग गुरु के इस हैरतअंगेज बाबा रामदेव वायरल वीडियो को स्वानी रामदेव नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड कुछ देर पहले ही किया गया है। इस वीडियो को बाबा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। इसके साथ ही वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि घोड़े की तरह तेज़ दौड़ने की ताक़त, स्ट्रॉग इम्यूनिटी, एंटी एजिंग और पावर चाहिए तो स्वर्ण शीलाजीत व इम्यूनोग्रिट गोल्ड खाइए। वीडियो में देखा जा सकता है कि, बाबा एक सफेद रंग के घोड़े के साथ काफी तेजी से दौड़ रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि, वह इस रेस में जीत जाते हैं।’एज-रिवर्सिंग’ सीईओ और अमेरिका स्थित करोड़पति ब्रायन जॉनसन ने दावा किया कि योग गुरु और पतंजलि संस्थापक द्वारा अपने ब्रांड के ‘एंटी-एजिंग’ उत्पादों को बढ़ावा देने वाले एक वीडियो पर टिप्पणी करने के बाद रामदेव ने उन्हें एक्स पर ब्लॉक कर दिया। यह सब तब शुरू हुआ जब 47 वर्षीय जॉनसन ने 59 वर्षीय रामदेव द्वारा साझा किए गए वीडियो पर टिप्पणी की, जहां वह अपने ब्रांड के उत्पादों, ‘स्वर्ण शिलाजीत’ और ‘इम्यूनोग्रिट गोल्ड’ का प्रचार करते हुए घोड़े के साथ दौड़ते नजर आ रहे थे।जॉनसन ने बताया कि हरिद्वार के पतंजलि के मुख्यालय में हवा की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि शहर में सांस लेने मात्र से हृदय और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। हिंदी में लिखी गई रामदेव की पोस्ट में लोगों से आग्रह किया गया कि अगर वे घोड़े की तरह दौड़ना चाहते हैं और युवा बने रहना चाहते हैं तो वे पतंजलि की खुराक लें। हालाँकि, जॉनसन का नजरिया इसको लेकर अलग रहा। उन्होंने कहा कि अभी हरिद्वार में हवा की गुणवत्ता पीएम 2.5 36 µg/m³ है जो एक दिन में 1.6 सिगरेट पीने के बराबर है। इससे हृदय रोग का खतरा 40-50%, फेफड़ों का कैंसर 3x, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और जल्दी मौत (5-7 साल की हानि) का खतरा बढ़ जाता है। कुछ समय बाद, जॉनसन ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में एक अपडेट साझा किया, जिसमें दावा किया गया कि रामदेव ने उन्हें ब्लॉक कर दिया है।भारत की वायु गुणवत्ता पर जॉनसन की यह पहली प्रतिक्रिया नहीं है। पिछले साल ही उन्होंने प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराते हुए ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के पॉडकास्ट को बीच में ही छोड़ दिया था। तब से, उन्होंने अक्सर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट साझा किए हैं जिसमें बताया गया है कि खराब वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है। ब्रायन जॉनसन पिछले कुछ समय से अपने सार्वजनिक बुढ़ापे विरोधी प्रयासों के लिए सुर्खियाँ बटोर रहे हैं, जिसमें एक नियमित जीवन शैली, विशिष्ट आहार और कई प्रयोगात्मक उपचार शामिल हैं।

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