सूरत में किशोरी से सामूहिक बलात्कार के मामले में दो व्यक्ति दोषी करार दिये गए

राष्ट्रीय जजमेंट

गुजरात के सूरत जिले की एक ‘पॉक्सो’ अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में नवरात्र उत्सव के दौरान 17 वर्षीय किशोरी से सामूहिक बलात्कार के मामले में दो लोगों को शनिवार को दोषी करार दिया। अदालत दोषियों को 17 फरवरी को सजा सुनाएगी।विशेष न्यायाधीश वी वी परमार की अदालत ने मुन्ना पासवान और राजू विश्वकर्मा को दोषी करार दिया। तीसरे आरोपी शिव शंकर उर्फ ​​दयाशंकर चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाने के बाद सांस लेने में दिक्कत के कारण मौत हो गई थी।तीनों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 70-बी (18 वर्ष से कम उम्र की लड़की से सामूहिक बलात्कार), 115-बी (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 54 (अपराध के दौरान उकसाने वाले की मौके पर मौजूदगी) और 309-4 (लूट के प्रयास में चोट पहुंचाना) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए थे।अदालत ने कहा कि वह 17 फरवरी को सजा सुनाएगी। अदालत ने चिकित्सा विशेषज्ञों, पीड़िता और उसके दोस्तों आदि सहित 47 गवाहों की गवाही को ध्यान में रखा।शिकायत के मुताबिक, कोसांबा पुलिस थाने क्षेत्र अंतर्गत मंगरोल तालुका के मोटा बोरसारा गांव के पास एक सुनसान जगह पर आठ अक्टूबर की रात करीब 11 बजे किशोरी से सामूहिक बलात्कार किया गया था।

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