ममता सरकार ने की थी मत्युदंड की मांग, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

राष्ट्रीय जजमेंट

कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें संजय रॉय को मौत की सजा देने की मांग की गई थी, जिसे कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय ऑन-ड्यूटी प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था, यहां तक ​​​​कि इसने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका भी स्वीकार कर ली। न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीद की पीठ ने रॉय की निचली अदालत की सजा के खिलाफ सीबीआई की याचिका स्वीकार कर ली।अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने 20 जनवरी को रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, यह रेखांकित करते हुए कि यह मामला दुर्लभतम में से दुर्लभतम नहीं है जिसके लिए मौत की सजा दी जाए। राज्य सरकार और सीबीआई ने मौत की सजा की मांग करते हुए अलग-अलग उच्च न्यायालय का रुख किया। उच्च न्यायालय ने सवाल किया कि दो प्राधिकारी एक ही अपील के साथ अदालत क्यों पहुंचे। सीबीआई ने तर्क दिया कि उसने पूरी जांच की और इसलिए केवल केंद्र सरकार ही ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील को मंजूरी देने के लिए अधिकृत थी।राज्य के वकील ने कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों से जुड़े मामलों में आदेशों के खिलाफ अपील कर सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को ऐसे मामलों में अपील कायम करने का भी अधिकार है। पिछले साल 13 अगस्त को उच्च न्यायालय के आदेश पर मामला सीबीआई को सौंपे जाने से पहले कोलकाता पुलिस ने रॉय को गिरफ्तार कर लिया था। प्रशिक्षु के माता-पिता के वकील ने अदालत से कहा कि वे केवल इसलिए मृत्युदंड नहीं चाहते क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी को खो दिया है।

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