केरल के शिक्षा मंत्री ने बताया बाल क्रूरता, पहली कक्षा के इंट्रेस एक्जाम पर लगाई रोक

राष्ट्रीय जजमेंट

केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने राज्य के स्कूलों को कक्षा 1 के छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने से रोक दिया। इस प्रथा को बाल क्रूरता बताते हुए उन्होंने कहा कि कक्षा 1 में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा और अभिभावकों के साक्षात्कार आयोजित करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में कुछ संस्थान ऐसे हैं जो व्यवसाय को ध्यान में रखकर चल रहे हैं। प्रवेश परीक्षा (कक्षा 1 के लिए) के बाद माता-पिता के लिए एक साक्षात्कार भी होता है। इस इंटरव्यू को क्रैक करने के लिए मां कड़ी मेहनत कर रही हैं। इसमें से कुछ भी स्वीकार्य नहीं है। अब हम कक्षा 1 के छात्रों के लिए शैक्षणिक-संबंधित कोई भी भाग नहीं पढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं। बच्चे को खुशी-खुशी स्कूल आने दें। बच्चे को पर्यावरण और हमारे संविधान को समझने दें। उन्हें उन मूल्यों को समझने दें जिन्हें बढ़ते नागरिक के रूप में उन्हें जानना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि कक्षा 1 में बच्चे का दाखिला खारिज किया जाना संविधान और बच्चे के अधिकारों का उल्लंघन है। शिवनकुट्टी ने स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) की फीस को लेकर भी चिंता जताई। चाहे सरकारी हों या निजी स्कूल, उन्हें प्रत्येक कक्षा के लिए पीटीए फीस के रूप में केवल 25 रुपये, 50 रुपये या 100 रुपये ही लेने चाहिए। मेरे संज्ञान में आया है कि कुछ संस्थान पीटीए फीस के रूप में 5,000 रुपये तक वसूल रहे हैं। हम ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करेंगे। ऐसे पीटीए को यहां काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 31 जनवरी को मंत्री ने सामान्य शिक्षा निदेशक को 15 जनवरी को 15 वर्षीय लड़के की आत्महत्या की व्यापक जांच करने का निर्देश दिया। लड़के के परिवार का दावा है कि स्कूल में अत्यधिक रैगिंग और बदमाशी के कारण उसने आत्महत्या कर ली।

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