आपत्तिजनक और भड़काऊ कंटेंट नहीं हटे तो ट्विटर के बड़े अधिकारीयों के खिलाफ होगी कार्यवाही

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नई दिल्ली। भारत सरकार ने ट्विटर को चेतावनी दी है कि अगर वे ट्विटर से आपत्तिजनक और भड़काऊ कंटेंट को हटाने में नाकाम रहते हैं, तो ट्विटर के बड़े अधिकारियों को सात साल तक की जेल और पेनल्टी का मुंह देखना पड़ सकता है।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सरकारी अधिकारी ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि, “हम इसपर काम कर रहे हैं  ट्विटर भी इस प्रकार के केस में अपनी सहमति जता रहा है, लेकिन कई केस अभी भी ऐसे हैं, जिनपर उनका जवाब नहीं आया है।”
रिपोर्ट के मुताबिक ट्विटर को यह चेतावनी सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय की तरफ से जारी की गई है। ट्विटर को निर्देश दिया गया है कि वे भारतीय आईटी एक्ट के तहत बात को मानें, अन्यथा आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत ट्विटर पर कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि यह एक्ट देश को अधिकार देता है कि वह माइक्रोब्लॉगिंग साइट्स पर जारी होने वाले कंटेंट को ब्लॉक करने की मांग कर सके और इन प्लेटफॉर्म के जरिए देश के सम्मान पर कोई आंच न आए।
आपको बता दें कि सरकार ने यह फैसला आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया है। पिछले महीने पार्लियामेंटरी पैनल ने लोकसभा चुनावों और रियल टाइम मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ट्विटर से भारतीय चुनाव आयोग के साथ ज्यादा एंगेज रहने के लिए कहा था।
इसपर ट्विटर ने जवाब देते हुए कहा था कि वे लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह का अंतरराष्ट्रीय दखल नहीं देना चाहेंगे। फिलहाल सरकार चाहती है कि चुनाव के दौरान सोशल साइट्स पर ऐसा कोई भी कंटेंट न जाए जिससे किसी के मान-सम्मान को ठेस पहुंचे और ऐसा कोई भी भड़काऊ कटेंट न डाला जाए जिसे देश के हालात बिगड़ जाएं।

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