कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नेतृत्व क्षमता होने की जरूरत : Shivakumar

राष्ट्रीय जजमेंट

बेंगलुरु । कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि उनके पास कांग्रेस की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष पद है जिसे महज प्रबल इच्छा से प्राप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को राज्य के हर घटनाक्रम की जानकारी है और उन्हें इन चीजों के बारे में पार्टी नेतृत्व (खरगे) को जानकारी देने की जरूरत नहीं है। शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने पदों की तलाश नहीं की थी। ये ऐसी भूमिकाएं हैं जो नेतृत्व और संगठनात्मक क्षमताओं के बलबूते अर्जित की जाती हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी में ऐसे पदों की पेशकश इन्हीं गुणों के आधार पर की जाती है। मैं दूसरी पार्टियों के बारे में नहीं कह सकता।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की चर्चाएं मीडिया में नहीं होनी चाहिए, क्योंकि पार्टी उनसे निपट लेगी। शिवकुमार ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे कर्नाटक से हैं और वह पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं तथा प्रखंड(ब्लॉक) अध्यक्ष से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ उनके (खरगे के) आंख-कान खुले हैं और वह हर घटनाक्रम से अवगत हैं। मुझे उनसे इस बारे में चर्चा करने की जरूरत नहीं है।’’ शिवकुमार से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने कर्नाटक के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदले जाने के बारे में पार्टी में चल रही चर्चा का मुद्दा (केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष) उठाया है तो उन्होंने कहा कि उसकी जरूरत ही नहीं है क्योंकि उनके (खरगे के) पास पहले से सारी सूचनाएं हैं।शिवकुमार का बयान ऐसे समय में आया है जब लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकिहोली ने यह कहते हुए पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष की मांग की है कि ‘‘मंत्री पार्टी एवं संगठन के कामकाज को वक्त नहीं दे पाते हैं।’’ जारकिहोली की प्रेसवार्ता के बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जहां विधायकों एवं मंत्रियों को नेतृत्व परिवर्तन, मंत्रिमंडल में विस्तार या नये प्रदेश अध्यक्ष की मांग के बारे में मीडिया के सामने कुछ नहीं बोलने के सख्त निर्देश दिये गये।

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