छात्र संघ की जगह युवा संसद के गठन पर विचार करें विश्वविद्यालय : Yogi Adityanath

राष्ट्रीय जजमेंट

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनीति में अच्छे और पढ़े लिखे युवाओं के आने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आह्वान दोहराते हुए बुधवार को कहा कि विश्वविद्यालयों को यह विचार करना चाहिए कि छात्र संघ की जगह क्या युवा संसद का गठन कर सकते हैं। यहां इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 136वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘इस युवा संसद के लिए हर कक्षा में तय होना चाहिए कि पहले ही वर्ष में कोई छात्र चुनाव लड़ने के लिए ना आने पाए।”

उन्होंने कहा, “हर कक्षा में पहले वर्ष प्रतिनिधि चुने जाएं और फिर उन प्रतिनिधियों में तय किया जाए कि कौन दूसरे या तीसरे वर्ष या फिर स्नातकोत्तर कक्षा में चुनाव के मैदान के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं और कौन चुनाव लड़ेंगे।” मुख्यमंत्री ने कहा, “जीवन के अलग-अलग क्षेत्र में कार्य करने वाले वे छात्र समाज को दिशा दे सकते हैं।” योगी आदित्यनाथ ने एक घटना साझा की जिसमें उन्हें एक विश्वविद्यालय में एक व्यक्ति मिला जिसकी उम्र बहुत अधिक थी। तभी उन्हें किसी ने बताया कि अमुक व्यक्ति छात्र संघ का उपाध्यक्ष है और उसका बेटा उसी विश्वविद्यालय में बीए का छात्र है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इस घटना से मुझे लगा कि उस व्यक्ति ने छात्र संघ का पदाधिकारी बनने के लिए ही विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया है। आखिर इसकी भी एक सीमा होनी चाहिए। विश्वविद्यालय में कोई लंबे समय तक रहना चाहता है तो वह शोध करे। छात्र संघ का चुनाव लड़ने के लिए एक समय सीमा तय करनी पड़ेगी।” उन्होंने कहा कि सत्र नियमित करके समय से छात्रसंघ के चुनाव कराने चाहिए। लेकिन इसके लिए भी छात्रों को एकत्रित करने उनके बीच वाद विवाद (डिबेट) कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा, “याद रखें कि जाति, मत और मजहब के आधार पर जब भी आप युवा शक्ति को बांटोगे, यह विभाजन ना केवल भारत की प्रतिभा का होगा, बल्कि यह उनके विकास की धारा को भी बाधित करेगा।

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