जिस इलाके में तैनात हैं भारतीय सैनिक, इजरायल के टैंकों ने बोला हमला, मोदी सरकार की तरफ से आया बड़ा रिएक्शन

राष्ट्रीय जजमेंट

भारत ने दक्षिण लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की है। वे क्षेत्र में हिजबुल्लाह ठिकानों पर इजरायली बलों की गोलीबारी का शिकार हो गए थे। विशेष रूप से, 600 भारतीय सैनिक लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा हैं, और इज़राइल-लेबनान सीमा पर 120 किलोमीटर लंबी ब्लू लाइन पर तैनात हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र परिसर की हिंसा का सभी को सम्मान करना चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा और उनके जनादेश की पवित्रता सुनिश्चित करें।विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र परिसरों की पवित्रता का सभी को सम्मान करना चाहिए तथा संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा और उनके कार्यक्षेत्र की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षण मिशन लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) ने 10 अक्टूबर को एक बयान में कहा कि ब्लू लाइन पर हाल में तनाव बढ़ने से दक्षिण लेबनान में कस्बों और गांवों में व्यापक विनाश हो रहा है। बयान में आरोप लगाया गया, पिछले दिनों में, हमने नकौरा और अन्य क्षेत्रों में लेबनान में इजराइल की ओर से घुसपैठ देखी है। इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) के सैनिकों ने लेबनान में हिजबुल्ला के तत्वों के साथ संघर्ष किया है। यूएनआईएफआईएल के प्रवक्ता ने बताया, वे इंडोनेशियाई नागरिक हैं। इंडोनेशिया भी यूएनआईएफआईएल में सैनिकों का एक प्रमुख योगदानकर्ता है। पूरे मामले पर अमेरिका की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। व्हाइट हाउस ने कहा कि हम बहुत चिंतित हैं। हम जानते है कि इजरायल हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे के खात्मे के लिए ब्लू लाइन के पास लक्षित अभियान चला रहा है। यह भी जरूरी है कि वह संयुक्त राष्ट्र शांति दूतों की सुरक्षा को खतरा न डाले।

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