पहलवान से नेता बनीं Vinesh Phogat के लिए आसान नहीं जीत हासिल करना, जुलाना में सियासी दंगल तगड़ा होने की पूरी उम्मीद

राष्ट्रीय जजमेंट

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जुलाना की सीट पूरे देश भर में चर्चा में है क्योंकि इस क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर देश की मशहूर पहलवान विनेश फोगाट चुनाव लड़ रही हैं। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी और राज्य के सभी बड़े दल अपनी जीत के लिए पूरा दमखम लगाने में जुटे हुए हैं। जुलाना शहर में सभी पार्टियों के दफ्तर एक ही सड़क पर बने हुए हैं। जिससे इस विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल और भी अधिक गर्म हुआ है। शहर में चुनावी बैनरों, शोर मचाती गाड़ियों और मौजूद समर्थकों की भीड़ के बीच चर्चाओं के तार कहीं-ना-कहीं जाकर कांग्रेस उम्मीदवार विनेश फोगाट के साथ जुड़ जाते हैं। पहलवान फोगाट को इस चुनाव में भी कई दिग्गजों से कड़ी टक्कर मिल रही है। कांग्रेस के लिए अब यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है। हालांकि, सभी पार्टियों की मजबूत तैयारी के कारण पार्टी का जुलाना से चुनाव जीतना इतना भी आसान नहीं दिख रहा है। जिसमें उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कैप्टन योगेश बैरागी और इनेलो बनी हुई है। इसके अलावा वर्तमान विधायक डांडा और आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार कविता दलाल जैसे मजबूत उम्मीदवार भी उनके सामने खड़े हुए हैं। आम लोगों से बात करते हुए प्रभासाक्षी की टीम को उन्होंने बताया कि विनेश फोगाट सिर्फ मीडिया का चेहरा बनी हुई हैं। जबकि क्षेत्र में हवा उनके पक्ष में नहीं दिख रही है। आईएनएलडी ने मजबूत उम्मीदवार खड़ा करके मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। जुलाना में 70 फ़ीसदी जाट जनसंख्या होने के कारण कांग्रेस के लिए आशंका जताई जा रही है कि अगर इन वोटों में बंटवारा होता है तो इससे फोगाट को नुकसान उठाना पड़ेगा। आपको बता दें कि दिनेश फोगाट की शादी जुलाना क्षेत्र के बरखा खेड़ा गांव में हुई है उनके यहां से दावेदारी पेश करने के बाद से ही क्षेत्र में महिलाओं के समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है सामान्य तौर पर ऐसा माना जाता है कि हरियाणा की महिलाएं राजनीति में अधिक सक्रिय नहीं है लेकिन इस बार के चुनाव में भी खुलकर अपना पक्ष रख रही हैं जानकारी के अनुसार अब तक हुए विधानसभा चावन में से कांग्रेस अब तक सिर्फ तीन बार ही जुलाना से जीत दर्ज कर सकी है जुलाना क्षेत्र में जेपी और इनो का शुरुआत से ही दबदबा रहा है हालांकि प्रियंका गांधी की रैली के बाद कहीं ना कहीं माहौल दिनेश फोगाट के पक्ष में जरूर बना है और पार्टी को राज्य में सत्ता विरोधी लहर का फायदा मिलना भी तय है।

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