मंदिर से चुरा ली राधा-कृष्ण की 100 साल पुरानी मूर्ति, फिर चोर को हुआ पछतावा और…

राष्ट्रीय जजमेंट

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मंदिर से 100 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति चोरी होने के आठ दिन बाद हाईवे के सर्विस मार्ग के बगल से बरामद हुई। पुलिस को मौके से चोर का माफीनामा मिला। इसमें उसने अपनी अज्ञानता का उल्लेख करते हुए मूर्ति लौटाने की बात लिखी थी। चुराने पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। चोर ने चोरी की गई मूर्ति को एक राजमार्ग के किनारे छोड़ दिया और इसके साथ एक माफी पत्र भी दिया जिसमें चोरी पर खेद व्यक्त किया गया। पुलिस के अनुसार, 23 सितंबर को प्रयागराज के नवाबगंज में राम जानकी मंदिर से 100 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति चोरी हो गई थी। घटना की सूचना मंदिर अधिकारियों ने पुलिस को दी थी।
इसे भी पढ़ें: नसरुल्लाह के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस का शिकंजा, 8 लोग जेल भेजे गए

मंदिर के पुजारी इस चोरी से इतने आहत हुए कि उन्होंने इसके विरोध में अनिश्चितकालीन उपवास शुरू कर दिया। चोरी की सूचना मिलने के ठीक 10 दिन बाद, राहगीरों को राष्ट्रीय राजमार्ग के गऊघाट लिंक रोड पर एक बोरे के अंदर मूर्ति मिली। उन्होंने कहा कि मूर्ति स्वामी जय रामदास महाराज की है। इसके बाद लोग उसे गऊघाट खालसा आश्रम ले गए और जब बोरा खोला गया तो मूर्ति के साथ एक पत्र भी मिला। इसे चोर ने लिखा था। चोर ने पत्र में अपने कृत्य के लिए माफ़ी मांगी और उस पर खेद व्यक्त किया।

माफी पत्र में चोर ने कहा कि महाराज जी (पुजारी), मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है। अपनी अज्ञानता के कारण मैंने गऊघाट से राधा कृष्ण की मूर्ति चुरा ली। तब से मुझे और मेरे बेटे को बुरे सपने आ रहे हैं। स्वास्थ्य भी खराब हो गया है। मैंने कुछ पैसों के लिए बहुत गलत काम किया है। मैं अपनी गलती के लिए माफी मांगते हुए मूर्ति छोड़ रहा हूं। आपसे प्रार्थना है कि मुझे माफ कर दीजिए।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More