Omar Abdullah के मन में हार का डर बैठ गया है, टोपी हाथ में लेकर मतदाताओं से कहते फिर रहे हैं- ‘मेरी इज्जत बचा लो’

राष्ट्रीय जजमेंट

 

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान जब जेल में बंद इंजीनियर शेख राशिद के हाथों करारी मात मिली तबसे वह चुनाव लड़ने से डरने लगे हैं। इस बार के विधानसभा चुनावों में उमर अब्दुल्ला लड़ना नहीं चाह रहे थे लेकिन उनकी पार्टी के लोगों ने उन्हें काफी मनाया तब जाकर वह चुनाव लड़ने के लिए राजी हुए। मगर उमर अब्दुल्ला को चुनाव लड़ने के लिए हाँ कहने के बावजूद जब हार का डर सता रहा था तो उन्होंने अपनी सीट ही बदल डाली। मगर सीट बदलने के बावजूद वह काफी घबराये हुए लग रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि हार का डर उनका लगातार पीछा कर रहा है। बुधवार को जब उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल से अपना नामांकन दाखिल किया तो उन्होंने लोगों से उनके लिए वोट देने की भावुक अपील करते हुए कहा कि उनकी इज्जत अब उनके हाथों में है।

वैसे गांदरबल में पर्चा भरने से एक तरह से नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की इस निर्वाचन क्षेत्र में वापसी हुई है, जिसका उन्होंने 2008 से 2014 तक प्रतिनिधित्व किया था, जब वे पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री थे। हम आपको याद दिला दें कि उमर अब्दुल्ला ने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले की बीरवाह विधानसभा सीट से 2014 का विधानसभा चुनाव जीता था, जबकि गांदरबल सीट अपने तत्कालीन पार्टी सहयोगी इश्फाक जब्बार के लिए छोड़ दी थी। उमर अब्दुल्ला ने 2024 का लोकसभा चुनाव बारामुला निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा था, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार इंजीनियर रशीद से हार गए थे।

अब्दुल्ला ने नेशनल कान्फ्रेंस कार्यालय में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह 16 साल बाद फिर से गांदरबल आए हैं, इस उम्मीद के साथ कि वह निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘16 साल बाद मैं फिर से गांदरबल के लोगों के सामने इस उम्मीद के साथ आया हूं कि आप मुझे फिर से अपना विधायक और सेवक बनने का मौका देंगे।’’ मतदाताओं तक पहुंच बनाने के प्रयास में अब्दुल्ला ने करीब पांच मिनट का अपना भाषण कश्मीरी भाषा में दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2016 के बाद गांदरबल के लोगों ने बहुत कुछ सहा है, किसी ने उनके जख्मों पर मरहम नहीं लगाया, किसी ने उनकी मुश्किलों का समाधान नहीं किया। हम आने वाले दो-तीन हफ्तों में इन सभी मुद्दों पर बात करेंगे।’’ आंखों में आंसू लिए अब्दुल्ला ने मतदाताओं से भावुक अपील की और उनका समर्थन और वोट मांगा। उन्होंने कहा कि उनकी इज्जत उनके हाथों में है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपनी टोपी हाथ में लेकर गांदरबल के लोगों से एक बार फिर उनकी सेवा करने का मौका देने की अपील की। उन्होंने अपनी टोपी अपने हाथों में थामते हुए कहा, “मुईन दस्तर (मेरी पगड़ी), मुईन इज्जत (मेरी इज्जत), मुईन टोपी (मेरी टोपी), आपके हाथों में है, अथ करिव राएच (इसे बरबरार रखें)।’’ उन्होंने कहा, “मुझे आपकी सेवा करने का बस एक मौका दीजिए, मैं आपसे हाथ जोड़कर अपील करता हूं।”

इस दुर्लभ, भावुक क्षण ने उनके समर्थकों को भावुक कर दिया और उन्होंने ‘उमर जिंदाबाद’ के नारे लगाए। समर्थकों ने नेशनल कान्फ्रेंस नेता को आश्वासन दिया कि वे उनके लिए अपने जीवन का बलिदान कर देंगे। उमर अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने का आह्वान करते हुए कहा कि अल्लाह की इच्छा से पार्टी चुनावों में सफलता का स्वाद चखेगी। बाद में उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी ही चुनाव जीतने जा रही है।

दूसरी ओर कश्मीर में चुनाव की अन्य हलचलों की बात करें तो आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने अपना घोषणापत्र जारी करते हुए कहा है कि वह अनुच्छेद 370, 35ए की बहाली और राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। पार्टी अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन और वरिष्ठ नेताओं ने आज घोषणापत्र जारी किया। घोषणापत्र में कई लोक लुभावन वादे भी किये गये हैं।

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