‘बम जैसी सामग्री’ की बरामदगी के बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma के इस्तीफे की मांग की

राष्ट्रीय जजमेंट

गुवाहाटी। प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) के पूरे असम में 24 बम लगाने का दावा करने के बाद कम से कम आठ स्थानों से ‘बम जैसी सामग्री’ की जब्ती के बाद विपक्ष ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार की ‘पूर्ण विफलता’ को लेकर मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के तत्काल इस्तीफे की मांग की है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री हिमंत (जिनके पास गृह विभाग भी है) ने उल्फा (आई) प्रमुख परेश बरुआ से उनकी समस्याओं और मांगों पर चर्चा करने के लिए वार्ता की मेज पर आने का अनुरोध किया है।असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘असम का अराजकता में घिरना भयावह है! भारी समर्थन के बावजूद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार काम करने में विफल रही है। ‘जिहाद’ संबंधी बयानबाजी के प्रति मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के जुनून ने महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटका दिया है, सुरक्षा और विकास से समझौता किया गया है।’’उन्होंने कहा कि उल्फा (आई) द्वारा असम में विभिन्न स्थानों पर बम लगाना गंभीर खुफिया और सुरक्षा खामियों को उजागर करता है। रायजोर दल के प्रमुख और विधायक अखिल गोगोई ने उल्फा (आई) के कृत्य की कड़ी निंदा की और कहा कि वह असम में आतंक का माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘यह विचित्र है कि मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और उनकी पुलिस को बमों के बारे में कोई सुराग नहीं था। हमारी एकमात्र मांग है कि मुख्यमंत्री-सह-गृह मंत्री हिमंत विश्व शर्मा को राज्य में सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में विफल रहने के लिए तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।’’ गोगोई ने कहा कि बम केवल उल्फा (आई) की दया पर नहीं फटे और इससे यह भी साबित हो गया कि कोई भी समूह लोगों को मारने के लिए राज्य भर में किसी भी स्थान पर बम लगा सकता है।विधायक ने कहा, ‘‘पुलिस और कानून-व्यवस्था का कोई अस्तित्व नहीं है। असम सरकार पूरी तरह से विफल हो गई है।’’ एक आधिकारिक समारोह के मौके पर पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर शर्मा ने बमों के पाये जाने और सुरक्षा में चूक को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More