पूजा खेडकर ने धोखाधड़ी के मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया

राष्ट्रीय जजमेंट

धोखाधड़ी और गलत तरीके से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तथा दिव्यांग कोटा का लाभ हासिल करने की आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले में अग्रिम जमानत के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया।

अग्रिम जमानत के लिए खेडकर की याचिका पर शुक्रवार को न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद के समक्ष सुनवाई होनी है। खेडकर ने आरक्षण का लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अपने आवेदन में कथित तौर पर गलत जानकारी दी थी।

यूपीएससी ने 31 जुलाई को खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया। एक अगस्त को यहां की एक सत्र अदालत ने खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं जिनकी ‘‘गहन जांच की आवश्यकता है।’’

खेडकर ने सत्र अदालत में दायर याचिका में कहा था कि उन पर ‘‘तुरंत गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है।’’ सत्र अदालत ने कहा था, ‘‘पूरी साजिश का पता लगाने और साजिश में शामिल अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता स्थापित करने के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है।’’

न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह अपनी जांच पूरी निष्पक्षता से करे, ताकि पता लगाया जा सके कि हाल के दिनों में किन उम्मीदवारों की सिफारिश की गई थी, जिन्होंने अवैध रूप से ऐसे लाभ उठाए होंगे तथा क्या यूपीएससी के किसी व्यक्ति ने भी खेडकर की मदद की थी।

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