आईएमए के अध्यक्ष को SC ने फिर लगाई फटकार, कहा- अपने पैसे से हर अखबार में माफीनामा छपवाना होगा

राष्ट्रीय जजमेंट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन से कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करने वाले अपने बयानों के लिए सभी प्रमुख समाचार पत्रों में माफीनामा प्रकाशित करना होगा। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने यह भी कहा कि यह काम उन्हें व्यक्तिगत रूप से करना चाहिए न कि आईएमए की ओर से और इसका खर्च अपनी जेब से वहन करना चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया, माफी आपको देनी होगी, आईएमए को नहीं।इसके बाद अशोकन को प्रमुख समाचार पत्रों में माफीनामा प्रकाशित करने में सक्षम बनाने के लिए मामले को स्थगित कर दिया गया। मामले को स्थगित करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह प्रस्तुत किया गया है कि अवमानना ​​कार्यवाही को स्थगित किया जा सकता है ताकि आवेदक प्रमुख समाचार पत्रों में अपनी माफी प्रकाशित कर सके और खुद को अवमानना ​​से मुक्त कर सके। अदालत सबूत-आधारित दवा को लक्षित करने वाले भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि आयुर्वेद और उसके प्रमोटरों, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ आईएमए द्वारा दायर एक मामले की सुनवाई कर रही थी।मामले का दायरा पतंजलि की गलतियों से आगे बढ़कर बड़े मुद्दों तक फैल गया, जैसे दूसरों द्वारा भ्रामक विज्ञापन, भ्रामक विज्ञापनों का समर्थन करने वाले सेलिब्रिटी प्रभावशाली लोगों की देनदारी, आधुनिक चिकित्सा में अनैतिक प्रथाएं आदि। आईएमए ने पहले पतंजलि पर आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया था। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पतंजलि के खिलाफ कई कड़े आदेश पारित किए।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More