नयी जिम्मेदारी पर खरा उतरूंगा, Jharkhand के नए राज्यपाल नियुक्त होने पर Santosh Gangwar ने जाहिर की खुशी

राष्ट्रीय जजमेंट 

बरेली। झारखंड का राज्‍यपाल नियुक्‍त किए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया और कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें जो नयी जिम्मेदारी दी है, वह उस पर खरा उतरेंगे। गंगवार, बरेली संसदीय क्षेत्र से आठ बार सांसद रह चुके हैं। राष्ट्रपति भवन द्वारा शनिवार रात जारी विज्ञप्ति के अनुसार झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया है और उनके स्थान पर संतोष कुमार गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल होंगे। गंगवार को राज्यपाल नियुक्त किए जाने की घोषणा होते ही शनिवार रात में ही बरेली में उनके भारत सेवा ट्रस्ट स्थित आवास पर प्रमुख कार्यकर्ताओं का पहुंचना शुरू हो गया और मिठाई खिलाकर प्रसन्नता जाहिर की। इस दौरान गंगवार हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकारते रहे।

संतोष कुमार गंगवार ने शनिवार रात करीब एक बजे पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे जो नयी जिम्मेदारी मिली है, उस पर खरा उतरूंगा।’’ नयी भूमिका मिलने से अभिभूत गंगवार ने कहा, ‘‘पार्टी ने हमेशा बिना मांगे मुझे सब कुछ दिया। अब राज्यपाल बनाकर मेरे प्रति विश्वास व्यक्त किया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभारी हूं।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने (मोदी) मेरे लिए जो नयी जिम्मेदारी दी है, उस पर खरा उतरूंगा। क्षेत्र (बरेली) की जनता का भी आभार, जिसने मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता पर लगातार भरोसा जताया। लगातार अटूट विश्वास और प्यार बनाए रखा।’’
बरेली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से आठ बार सांसद रह चुके संतोष कुमार गंगवार, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेन्‍द्र मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी सभाओं के दौरान कहा था कि संतोष गंगवार को कुछ अलग से स्थान दिया जाएगा। बरेली संसदीय सीट 2024 के चुनाव में भी भाजपा के छत्रपाल गंगवार ने जीती।

गंगवार का जन्म 1948 में हुआ और बरेली कॉलेज से ‘बीएससी’ की पढ़ाई के साथ ही एलएलबी की उपाधि हासिल कर 1984 में राजनीतिक जीवन की शरुआत की। उनसे पूछा गया कि वह राजनीति में कैसे आए तो उन्होंने कहा, ‘‘आपातकाल के दौरान जेल जाना पड़ा। एक वर्ष जेल में काटने के बाद जब बाहर आया तो सोचने का तरीका थोड़ा बदल गया। इसी बीच, थोड़ा समय बीतने के बाद जनता पार्टी की बरेली जिला कमेटी में महामंत्री का पद प्रस्तावित किया गया तो मैंने स्वीकार कर लिया।’’

पहला चुनाव 1984 में वह कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की पत्नी आबिदा बेगम से हार गए थे। इसके बाद 1989 में वह फिर से लोकसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल कर पहली बार सांसद बने। इसके बाद 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 में लगातार जीत का सेहरा उन्हीं के सिर सजा। उनकी पहचान कुर्मी बिरादरी के प्रभावशाली नेता के रूप में है। हालांकि वह सभी वर्गों में लोकप्रिय हैं। वर्ष 2009 में कांग्रेस के प्रवीण सिंह ऐरन ने उनको पराजित कर दिया था, लेकिन गंगवार ने उसके बाद 2014 और 2019 में अपनी जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गंगवार को राज्यपाल बनाए जाने पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में हार्दिक बधाई देते हुए उनके उज्‍ज्‍वल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं।

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