6 साल से नैरेटिव चल रहा, क्या हासिल हुआ, डोडा मुठभेड़ पर बोलीं महबूबा मुफ्ती- घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी किसकी है?

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में चार सैनिकों की मौत के बाद, विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। इसके साथ ही उन्होंने डीजीपी की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कोई जवाबदेही नहीं है। अब तक तो सिर घूम जाना चाहिए था। डीजीपी को बर्खास्त कर देना चाहिए था। पिछले 32 महीनों में लगभग 50 सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं।
पूर्व सीएम ने कहा कि मौजूदा डीजीपी राजनीतिक तौर पर चीजों को ठीक करने में लगे हैं। उनका काम पीडीपी को तोड़ना, लोगों और पत्रकारों को परेशान करना और लोगों को धमकाना है। उन्होंने कहा कि सत्यापन को हथियार बनाया गया है। वे अधिकतम लोगों पर यूएपीए लगाने के तरीके ढूंढ रहे हैं। हमें यहां फिक्सर की जरूरत नहीं है, हमें एक डीजीपी की जरूरत है।’ मुफ्ती ने कहा कि हमारे पास पहले भी दूसरे राज्यों के डीजीपी रहे हैं और उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। किसी ने भी सांप्रदायिक आधार पर उस तरह काम नहीं किया, जैसे अब किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि देश भर से सैनिक अपनी ड्यूटी के लिए कश्मीर आते हैं, लेकिन ताबूत में वापस चले जाते हैं। अगर आप कहते हैं कि घाटी में आतंकवाद खत्म हो गया है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? मुफ्ति ने दावा किया कि पिछले 32 महीनों में, खासकर जब से इस डीजीपी की नियुक्ति हुई है, सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। आप लोग सीमाओं की रक्षा करते हैं। तो घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी किसकी है? क्या यह क्षेत्रीय दलों की जिम्मेदारी है? आपका नैरेटिव 6 साल से चल रहा है, आपने क्या हासिल किया? उत्तरी कश्मीर में आप को बड़ा झटका लगा है। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए एक अधिकारी समेत सेना के चार जवान शहीद हो गए। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि आतंकियों की तलाश करने और उनके सफाये के लिए अतिरिक्त बल भेजा गया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और उनकी कुर्बानी का बदला लेने का संकल्प जताया। पिछले तीन सप्ताह में डोडा जिले के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच यह तीसरी बड़ी मुठभेड़ है। यह ताजा घटना कठुआ जिले के दूरस्थ माचेड़ी वन क्षेत्र में सेना के गश्ती दल पर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए हमले के एक सप्ताह बाद हुई है जिसमें पांच सैनिक शहीद हो गए थे और कई घायल हो गए थे।

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