बंदर की बरसी, मुहर्रम का जुलूस, 2012 की क्या है वो घटना जिसकी वजह से राजा भैया के पिता को हर बार इसी वक्त कर लिया जाता है नजरबंद

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

जिला प्रशासन ने मोहर्रम का जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के अध्यक्ष और कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को करीब तीन दिन के लिए उनके घर में नजरबंद कर दिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने उनके करीब एक दर्जन समर्थकों को भी बुधवार रात नौ बजे तक के लिए नजरबंद किया है। मोहर्रम का जुलूस बुधवार को निकाला जाएगा। नजरबंद किए जाने के बाद उदय प्रताप सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रशासन ने हिन्दुओं का बहुत सालो से चलता आ रहा भंडारा शेखपुर में नई प्रथा बताकर बंद करा दिया किंतु मझिलगांव में सड़क के आर पार मुसलमानों के नये सिरे से गेट लगाने पर रोक नहीं लगा रहे हैं । उसके नीचे से हिन्दुओं को भी जाना पड़ता हैं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि इसका समाधान प्रशासन ने निकाल लिया है जो मुसलामानों का विरोध करे उसको अरेस्ट कर लो जैसे कि हमको सुबह से किये हुए हैं।
बंदर के मरने पर भंडारा का आयोजन

ये घटना साल 2012 की है। शेखपुर गांव में सड़क के किनारे एक बंदर की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि बंदर को गोली मार दी गई थी। इसके बाद से ही वहां पर ग्रामीणों ने एक हनुमान मंदिर बनवा दिया। उस जगह पर हनुमान पाठ और भंडारे का आयोजन होने लगा। इन सभी कार्यक्रम का आयोजन राजा उदय प्रताप सिंह करवाया करते थे। खास बात ये है कि ये भंडारा मोहर्रम के दिन ही किया जाता है। शुरू में तो दो साल भंडारा और मोहर्रम दोनों का जुलूस साथ निकला। 2016 में जिला प्रशान ने भंडारे की अनुमति नहीं दी। फिर ममला कोर्ट भी गया और डीएम को विवेक पर निर्णय करने का निर्देश दे दिया गया। तभी से हर साल मुहर्रम के मौके पर उदय प्रताप सिंह को नजरबंद कर लिया जाता है।

17 जुलाई की रात नौ बजे तक नजरबंद

प्रशासन ने उदय प्रताप सिंह के करीब एक दर्जन समर्थकों के आवास पर भी नोटिस चस्पाया है और इन सब को 17 जुलाई की रात नौ बजे तक के लिए नज़रबंद किया गया है। सीओ ने बताया कि नजरबंद किए गए सभी लोगों के आवास पर पुलिस बल तैनात किया गया है, जो उनके हर क्रियाकलाप पर नजर रखेंगे। उन्होंने बताया कि यह आदेश 17 जुलाई की रात नौ बजे तक प्रभावी रहेगा।

प्रशासन ने हिन्दुओं का बहुत सालो से चलता आ रहा भंडारा शेखपुर में नई प्रथा बताकर बंद करा दिया किंतु मझिलगांव में सड़क के आर पार मुसलमानों के नये सिरे से गेट लगाने पर रोक नहीं लगा रहे हैं । उसके नीचे से हिन्दुओं को भी जाना पड़ता हैं ।

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