3 नई अदालतों के शिलान्यास पर मंत्री आतिशी बोलीं, पिछले 10 वर्षों में हमने न्यायपालिका के लिए लगातार बजट बढ़ाया

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आज न्यायपालिका के मूलभूत सिद्धांतों के रूप में न्याय और समानता के मूल मूल्यों पर जोर दिया। कड़कड़डूमा में तीन न्यायालय भवनों के निर्माण के लिए शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि एक न्यायालय केवल ईंटों और पत्थरों से नहीं बल्कि लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं से बनता है। उन्होंने कहा कि अदालतों को लोगों को कानूनों द्वारा शासन की भावना देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, न कि मनमाने निर्णयों से। इस कार्यक्रम में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनमोहन, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश हिमा कोहली, न्यायाधीश अमानुल्लाह, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और लोक निर्माण मंत्री आतिशी उपस्थित थे। 3 नई अदालतों के शिलान्यास पर मंत्री आतिशी ने कहा कि आज खुशी का मौका है, सीजेआई चंद्रचूड़ ने आज तीन जिला अदालतों की शिलान्यास किया है। न्यायिक बुनियादी ढांचे और अदालत कक्षों की कमी है। दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है कि दिल्ली के लोगों को समय पर न्याय मिले। पिछले 10 वर्षों में हमने न्यायपालिका के लिए लगातार बजट बढ़ाया है। इससे पले दिल्ली के कड़कड़डूमा, शास्त्री पार्क और रोहिणी में तीन नए अदालत भवनों के शिलान्यास समारोह में अध्यक्षीय भाषण देते हुए, सीजेआई ने न्यायपालिका के लिए अपने दृष्टिकोण को समझाया जहां भौतिक स्थान न्याय के सिद्धांतों का प्रतीक और पोषण करते हैं जिन्हें वे बनाए रखना चाहते हैं।जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालतें न्याय के गुणों और कानून के शासन का एहसास कराने के लिए बनाई गई हैं। हमारे सामने जो भी केस दायर किया जा रहा है, वह न्याय की इसी उम्मीद के साथ है। जब हम अपने न्यायाधीशों, वकीलों और वादियों की सुरक्षा, पहुंच और आराम में निवेश करते हैं, तो हम सिर्फ एक कुशल प्रणाली से कहीं अधिक का निर्माण करते हैं। हम एक न्यायसंगत और समावेशी प्रणाली बनाते हैं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More