सोमवार को संसद में जोरदार हंगामे के आसार, विपक्ष नीट प्रश्नपत्र लीक, अग्निपथ योजना जैसे मुद्दों पर पूछेगा सवाल

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

नयी दिल्ली। संसद की कार्यवाही के सोमवार को पुन: आरंभ होने पर, राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) प्रश्नपत्र लीक, अग्निपथ योजना और महंगाई जैसे मुद्दों पर जोरदार बहस होने की संभावना है। विपक्ष प्रश्नपत्र लीक मामले के अलावा बेरोजगारी का मुद्दा भी उठा सकता है। लोकसभा में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करेंगे। भाजपा की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी एवं पहली बार की लोकसभा सदस्य बांसुरी स्वराज इस प्रस्ताव का अनुमोदन करेंगी। लोकसभा ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 16 घंटे का समय निर्धारित किया है, जिसका समापन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब के साथ होगा। राज्यसभा में चर्चा के लिए 21 घंटे का समय निर्धारित किया गया है और प्रधानमंत्री के बुधवार को (चर्चा पर) जवाब देने की संभावना है। नीट मुद्दे पर संसद में इस सप्ताह काफी हंगामा हुआ। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने पांच मई को नीट-यूजी का आयोजन किया था, जिसमें करीब 24 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। नतीजे चार जून को घोषित किए गए, लेकिन इसके बाद बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने के अलावा परीक्षा से जुड़ी अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे। राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने मोदी को ‘‘अतुलनीय’’ बताया था और कहा था कि देश के सामने आने वाले मुद्दों से निपटने के उनके दृष्टिकोण और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण में बहुत अंतर है। भाजपा सदस्य कविता पाटीदार ने प्रस्ताव का समर्थन किया था और चर्चा में अब तक नौ अन्य सदस्य भाग ले चुके हैं। लोकसभा में शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ में कथित अनियमितता पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया, जिस कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। नीट विवाद पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया तथा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे भी अपने साथी सदस्यों के साथ आसन के करीब आ गए। नीट मुद्दे पर हंगामे के बीच छत्तीसगढ़ से कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम उच्च रक्तचाप के कारण अचानक बेहोश हो गईं, जिसके बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही स्थगित न करने तथा राज्यसभा सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता न करने के लिए सरकार की आलोचना की।

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