हीट वेव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की जरूरत, राजस्थान एच.सी लू से हुई मौत पर सख्त

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

राजस्थान उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य में भीषण गर्मी और लू के कारण हुई मौतों का स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि लू और शीत लहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की आवश्यकता है। अदालत ने कहा कि राजस्थान सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में चल रही लू की स्थिति के कारण अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है और कहा कि हीटस्ट्रोक के कारण होने वाली मौतों में वृद्धि की मीडिया रिपोर्ट तथ्यों से परे हैं। न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड की एकल पीठ ने कहा है कि अब समय आ गया है कि गर्मी और शीतलहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। उन्होंने राज्य सरकार को लू के कारण मरने वाले लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने का आदेश दिया, साथ ही राज्य के मुख्य सचिव को इसके तहत तैयार किए गए ‘हीट एक्शन प्लान’ के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए तत्काल और उचित कदम उठाने के लिए विभिन्न विभागों की समितियों का गठन करने का भी निर्देश दिया। देश भर में अत्यधिक गर्मी और शीत लहर के कारण बड़ी संख्या में होने वाली मौतों को देखते हुए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (संक्षेप में एनडीएमए) ने इस पर काम करना शुरू कर दिया। अदालतों ने कहा कि ‘हीटवेव और कोल्डवेव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन के संबंध में अधिकारियों के कदमों और कार्य योजनाओं का उल्लेख करते हुए, अदालत ने कहा कि ऐसी कार्य योजनाओं का मसौदा तैयार करने के बावजूद, कल्याणकारी राज्य जनता को ऐसी भीषण गर्मी की स्थिति से बचाने के लिए प्रभावी ढंग से कदम नहीं उठाता है।

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