दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 8,302 मेगावाट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

नयी दिल्ली। चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की अधिकतम मांग बुधवार को अपने अबतक के उच्चतम स्तर 8,302 मेगावाट पर पहुंच गई। बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली के इतिहास में पहली बार बिजली की अधिकतम मांग ने 8,300 मेगावाट का आंकड़ा पार किया है। बिजली वितरण कंपनियों ने इस साल की गर्मियों में अधिकतम मांग का आंकड़ा 8,200 मेगावाट तक रहने का अनुमान लगाया था। वास्तविक समय पर बिजली खपत संबंधी ब्योरा दर्ज करने वाले स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी), दिल्ली के मुताबिक, शहर में बिजली की अधिक मांग दोपहर तीन बजकर 36 मिनट पर 8,302 मेगावाट रही। इससे पहले 22 मई को बिजली की अधिकतम मांग ने 8,000 मेगावाट का आंकड़ा छुआ था। बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा कि लगातार 12वें दिन दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 7,000 मेगावाट से ऊपर रही। राजधानी दिल्ली पिछले 10 दिनों से कड़कड़ाती धूप और भीषण गर्मी से जूझ रही है। वितरण कंपनियों के मुताबिक, ‘‘बिजली की मांग बढ़ने का प्रमुख कारण भीषण गर्मी का बढ़ना है। पारा चढ़ने के साथ एयर कंडीशनर/ कूलर का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे बिजली की खपत में भी वृद्धि हुई है।’’
दिल्ली के उत्तरी भाग में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारे क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग 2339 मेगावाट रही जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। मांग पूरा करने के लिए दीर्घकालीन बिजली खरीद समझौता समेत पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।’’ बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बीएसईएस राजधानी पावर लि. (बीआरपीएल) ने दक्षिण एवं पश्चिम दिल्ली में 3,643 मेगावाट और बीएसईएस यमुना पावर लि. ने पूर्वी एवं मध्य दिल्ली के अपने क्षेत्रों में 1,947 मेगावाट बिजली की अधिकतम मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया।’’ प्रवक्ता ने कहा कि भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में लगभग 2,100 मेगावाट हरित बिजली महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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