भारतीय सेना के 26वें थल सेनाध्यक्ष थे जनरल वी के सिंह, आज मना रहे 73वां जन्मदिन

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

आज यानी की 10 मई को जनरल विजय कुमार सिंह अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह भारतीय सेना के 26वें थल सेनाध्यक्ष रहे हैं। जनरल वी. के. सिंह ऐसे पहले सैन्य प्रमुख रहे हैं, जिन्होंने कमांडो प्रशिक्षण लिया। जब वह सेना में थे, तब मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशन की जिम्मेदारी वीके सिंह को ही मिलती है। पीएम मोदी के प्रथम कार्यकाल में वह विदेश मंत्री रहे। वहीं मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें ‘सड़क, परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य मंत्री बनाया गया। फिर 2021 में मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद उनको ‘नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री’ का दायित्व दिया गया। आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर जनरल वी के सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
हरियाणा के भिवानी जिले के बापोरा गांव में 10 मई 1951 को वी के सिंह का जन्म हुआ था। वी के सिंह अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी रहे। उनके पिता सेना में कर्नल और दादा जूनियर कंडीशन ऑफिसर थे। उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा राजस्थान के बिड़ला स्कूल से पूरी की। फिर उनको राजपूत रेजीमेंट की दूसरी बटालियन में 17 जून 1970 को कमीशन दिया गया था। जब यह कमांड पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर तैनात थी, तब वी के सिंग को इस यूनिट को अपनी कमांड में रखा गया।

कॅरियर

वी के सिंह ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से आनर्स ग्रेजुएट किया। यह रेंजर्स स्नातक कोर्स था। इसके अलावा उन्होंने पेंसिलवैनिया के आर्मी वार कॉलेज से भी पढ़ाई की। उनको काउंटर इंसरजेंसी ऑपरेशन्स और हाई एल्टीट्यूड ऑपरेशन्स का अनुभव था। उन्होंने बांग्ला देश से युद्ध के दौरान भी भाग लिया। काउंटर इंसरजेंसी फोर्स को कमांड करने के दौरान सेवा के लिए वी के सिंह को अति विशिष्ट सेवा मेडल दिया गया था।

वहीं 31 मार्च 2010 को जनरल वी के सिंह को सेना प्रमुख बनाया गया। वह सेना प्रमुख बनने वाले पहले कमांडो थे। वी के सिंह के करियर के आखिरी समय में उनकी डेट ऑफ बर्थ को लेकर विवाद हुआ था। जिस कारण वह सेना के पहले ऐसे सेवारत अधिकारी बने, जिनसे सरकार को कोर्ट में आमना-सामना करना पड़ा।

पुरस्कार व सम्मान

जनरल वी के सिंह को सेना में सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया। फिर अमेरिकी युद्ध कौशल कॉलेज में पढ़ाई का अवसर मिला। वहीं 31 मई 2012 को वी के सिंह सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो गए। सेना प्रमुख के तौर पर वी के सिंह का कार्यकाल 26 महीनों का रहा। वहीं सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को अपना समर्थन दिया था।

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