कोलकाता के सियासी जंग में जनरल की ‘बेटी’, ममता के गढ़ से लड़ेंगी चुनाव

राष्ट्रीय जजमेंट

 

कभी वामपंथी दलों का गढ़ रहे बंगाल में अब सीपीआई और सीपीएम जैसे दल अस्थित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस लड़ाई में वामपंथी दलों के लिए सायरा शाह हलीम उम्मीद की किरण बनकर उभरी हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में सीपीएम ने सायरा शाह हलीम को कोलकाता दक्षिण से अपना उम्मीदवार बनाया है। 44 साल की सायरा शाह हलीम कोलकाता में घूम-घूमकर अपनी पार्टी सीपीएम का प्रचार कर रही हैं और लोगों से मुलाकात कर रही हैं। अपनी पार्टी का एजेंडा बता रही हैं। हाथ जोड़कर लोगों से उनकी पार्टी को वोट डालने की अपील कर रही हैं। पूंजीवादियों का विरोध करने वाली सीपीएम ने 17 साल तक कॉरपोरेट वर्ल्ड में मैनेजमेंट पर काम करने वाली सायरा पर भरोसा जताया है। टीएमसी की माला रॉय से सायरा शाह का मुकाबला होगा।
अनुभवी अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की भतीजी हैं। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ज़मीर उद्दीन शाह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। हलीम की शादी सीपीएम नेता और पश्चिम बंगाल विधान सभा के पूर्व स्पीकर हाशिम अब्दुल हलीम के बेटे फुआद हलीम से हुई है। वैसे तो हलीम का जन्म कोलकाता में हुआ है, लेकिन उनके पिता की सैन्य पृष्ठभूमि उन्हें पंजाब, मणिपुर, नागालैंड और तमिलनाडु (ऊटी) लेकर गई। उन्होंने दो साल रियाद में भी बिताए, जहां उनके पिता खाड़ी में भारत के रक्षा अताशे के रूप में तैनात थे।
अजमेर में सोफिया गर्ल्स कॉलेज से स्नातक, अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हलीम ने सामाजिक कार्यों की ओर बढ़ने से पहले, अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अलावा, पश्चिम बंगाल इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग विकास निगम (वेबेल) के साथ व्यवसाय विकास और संचार प्रशिक्षक के रूप में काम किया। वह कोलकाता में एनआरसी और सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थीं।

 

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