अदालत ने अफगान नागरिक को हत्या के प्रयास, तय अवधि से अधिक समय तक रुकने का दोषी ठहराया

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

दिल्ली की एक अदालत ने अफगानिस्तान के एक नागरिक को हत्या के प्रयास और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी देश में रुकने के मामले में दोषी ठहराया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गीतांजलि काबुल के निवासी अब्दुल बसीर अखुंदजादा उर्फ समीर के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थीं।
अब्दुल के खिलाफ लाजपत नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज है। अभियोजन पक्ष के अनुसार दो जनवरी 2019 को सेंट्रल मार्केट के पास अफगानी चौक पर पैसे को लेकर हुए विवाद के बाद अखुंदजादा ने ठेके वाले रामप्रीत यादव और उसके भाई राजेश पर चाकू से वार कर दिया था।

इससे रामप्रीत की छाती और पेट पर काफी चोटें आईं, जबकि राजेश के पैर पर मामूली चोटें आईं। अदालत ने 11 मार्च के अपने फैसले में कहा, ‘‘हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि आरोपी को पता था कि अगर यादव की मौत हो जाती तो वह हत्या का दोषी होता, इसके बावजूद उसने रामप्रीत यादव के सीने और पेट पर चाकू से वार किए थे।’’

अदालत ने उसके समक्ष मौजूद साक्ष्यों पर गौर करते हुए कहा कि अखुंदजादा मार्च 2016 में पर्यटक वीजा पर भारत आया था और उसका वीजा उसी साल सितंबर में समाप्त हो गया था। इससे साफ पता चलता है कि आरोपी भारत में तय अवधि से ज्यादा समय तक रुका हुआ था।

अदालत ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा है कि आरोपी ने राजेश यादव के पैर में चोट पहुंचाई है और आरोपी भारत में तय अवधि से अधिक समय तक रुका हुआ था।’’

अदालत ने आरोपी को विदेशी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के अलावा, भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या के प्रयास और जान बूझकर चोट पहुंचाने की धाराओं में दोषी ठहराया है। अदालत ने पीड़ित पर पड़ने वाले प्रभाव और अन्य प्रक्रियात्मक दस्तावेज दाखिल करने की तारीख 28 मार्च तय की है। दस्तावेज जमा होने के बाद सजा पर बहस शुरू होगी।

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