योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने छोड़ा विभाग

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लंबे अरसे से योगी सरकार के खिलाफ बगावती सुर अख्तियार किए बैठे मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का जिम्मा छोड़ दिया है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष राजभर ने विभिन्न नियुक्तियों में ‘अपने’ लोगों को नजरअंदाज किए जाने पर आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजभर का कहना है, ‘पिछड़ा वर्ग आयोग के विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए 28 लोगों की सूची प्रस्तावित की गई थी। उन्हें जानकारी मिली है कि उनमें से 27 लोगों की उपेक्षा कर दी गई।’ उल्लेखनीय है कि अपनी मांगें नहीं माने जाने पर वे एनडीए का साथ छोड़ने की चेतावनी पहले ही दे चुके हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक उनका कहना है, ‘आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों पर मनमाने ढंग से नियुक्तियां कर दी गईं। ऐसे में मंत्री बने रहने का क्या औचित्य है?’ हालांकि अभी उनके पास दिव्यांग कल्याण महकमे की जिम्मेदारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि राजभर अलग-अलग मसलों को लेकर कई बार बगावती तेवर जाहिर कर चुके हैं।
वे सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग पर भी अड़े हैं। उन्होंने योगी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि सिफारिशों को लागू नहीं किया गया तो 24 फरवरी को एनडीए छोड़ देंगे। उनकी पार्टी के नेता ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों पर लड़ने के भी संकेत दिए थे और साथ ही यह भी कहा था कि जरूरत पड़ने पर वे सपा-बसपा गठबंधन से भी हाथ मिला सकते हैं।
चार विधायकों वाली पार्टी के अध्यक्ष राजभर ने कहा, ‘समिति की सिफारिशों को अब तक लागू नहीं किया है और ना ही लागू करने की उसकी कोई मंशा नजर आती है। समिति ने अन्य पिछड़ा वर्ग को तीन तरह की श्रेणियों में विभाजित करने की सिफारिश की थी। इनमें पिछड़ा, अति पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा शामिल हैं। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की 44 फीसदी आबादी है।’

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