दोषी ने भतीजी की शादी में शामिल होने के वास्ते पैरोल के लिए न्यायालय का रुख किया

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

वर्ष 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या से संबंधित मामले के एक दोषी ने अपने परिवार में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए पैरोल पर रिहा किये जाने का अनुरोध करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया है।

रमेशभाई चंदना ने अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल पर रिहा किये जाने के अनुरोध को लेकर शुक्रवार को उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की। चंदना और 10 अन्य को पिछले महीने तब वापस जेल भेज दिया गया था जब उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार द्वारा उन्हें दी गई छूट को रद्द कर दिया था।

इससे पहले, मामले के एक अन्य दोषी प्रदीप मोधिया को उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका स्वीकार करने के बाद सात से 11 फरवरी तक पैरोल पर गोधरा जिला जेल से रिहा किया गया था।

चंदना की वकील खुशबू व्यास ने न्यायमूर्ति दिव्येश जोशी को बताया कि उनका मुवक्किल पांच मार्च को अपनी भतीजी की शादी में शामिल होना चाहता है। इसके बाद अदालत ने रजिस्ट्री को ‘‘मामले को सुनवाई के लिए उचित अदालत के समक्ष रखने का निर्देश दिया।’’

उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए 2002 के दंगों के दौरान बिलकीस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को पिछले महीने रद्द कर दिया था और दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल भेजने का निर्देश दिया था।

 

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