फैक्टरी के अंदर की कहानी: 11 मौतों के पीछे क्या रही बड़ी वजह… कैसे भड़की चिंगारी? श्रमिक के परिजन के जवाब

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

नई दिल्ली दिल्ली के अलीपुर इलाके की पेंट फैक्टरी में लगी आग में मरने वालों की संख्या 11 हो गई है। मृतकों में 10 पुरुष और एक महिला शामिल है। हादसे में जान गवांने वाले बृज किशोर के रिश्तेदार ने बताया कि केमिकल से भरे ड्रमों को रखने के लिए फैक्टरी में लोहे के रैक बनाए जा रहे थे। इसके लिए फैक्टरी के गेट के पास वेल्डिंग का काम चल रहा था। पास में केमिकल के ड्रम भी रखे थे। ऐसे में वेल्डिंग की चिंगारी से पास में रखे केमिकल के ड्रम में आग लगने की आशंका है।
पेंट बनाने के लिए भारी मात्रा में मिला था ऑर्डर
अलीपुर इलाके में अवैध पेंट फैक्टरी में आग लगने से हुई 11 लोगों की मौत की पटकथा कई दिन पहले रखी गई थी। फैक्टरी संचालक को पेंट बनाने के लिए भारी मात्रा में ऑर्डर मिला था। ऐसे में उसने कुछ दिन पहले पेंट बनाने के लिए करीब 12 हजार लीटर केमिकल मंगवाया था। इसे लोहे व प्लास्टिक के ड्रमों के अलावा फैक्टरी परिसर में जमीन में बने कई टैंक में भी रखा गया था। ऐसे में आग लगने के दौरान भीषण तबाही हुई, जहां पर जमीन में टैंक बने थे वहां पर ज्यादा मौतें हुईं।
मुख्य गेट पर ताला लगाकर होता था काम
फैक्टरी जहां पर संचालित हो रही थी वह संघन आबादी और संकरी गलियों वाला क्षेत्र है। फैक्टरी तीनों तरफ से बंद थी। चौड़ाई कम और लंबाई ज्यादा थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि फैक्टरी करीब 30 वर्ष से चल रही थी, लेकिन हाल के दिनों में यहां से केमिकल की बदबू अधिक आ रही थी। फैक्टरी के मुख्य गेट के साथ छोटे गेट से मजदूर आते-जाते थे। मुख्य गेट पर ताला लगाकर अंदर काम होता था।
कर्मचारियों का खराब हो रहा था स्वास्थ्य
बेहद ज्वलनशील केमिकल से पेंट बनाने के दौरान फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारियों का स्वास्थ्य खराब हो रहा था। वहां काम के दौरान सुरक्षा आदि के बचाव का भी कोई साधन नहीं था। न तो मास्क था और न ही आग लगने के दौरान बचाव के कोई उपकरण। हादसे में मारे गए बृज किशोर की कई दिनों से आंखों में जलन हो रही थी। उन्होंने इसके लिए दवाई भी खरीदी थी। बृज के रिश्तेदार ने बताया कि आंखों में जलन को लेकर जब फैक्टरी मालिक को बताया गया तो उसने ध्यान नहीं देने और मन लगाकर काम करने की बात कही थी।

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