गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, कहा- राज्य के खिलाफ की गई टिप्पणियां हटाई जाए

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

नई दिल्ली गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सरकार ने समीक्षा याचिका दायर की है। याचिका दायर करते हुए सरकार ने मांग की है कि बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई के वक्त राज्य सरकार के खिलाफ की गई कुछ टिप्पणियों को हटाई जाए। अदालत के फैसले में गुजरात सरकार के खिलाफ की गई टिप्णियां नुकसानदायक हैं। राज्य सरकार ने केवल मई 2022 के फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश के अनुसार काम किया था।याचिका में कहा कि गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट के मई 2022 के फैसले के अनुसार काम कर रही थी, जिसमें उन्हें एक आरोपी की सजा माफी की अर्जी पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। सरकार ने कहा कि जब हम सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम कर रहे थे तो हमें महाराष्ट्र के अधिकार क्षेत्र को हथियाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने माना था कि महाराष्ट्र सरकार छूट के आदेश पारित करने में सक्षम है, न कि गुजरात सरकार।

कौन हैं बिलकिस बानो?
27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस में गोधरा स्टेशन के पास आग लगा दी गई थी। इस घटना में अयोध्या से लौट रहे 59 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। आगजनी की इस घटना के बाद गुजरात में दंगे भड़क उठे। इन दंगों की चपेट में आए कई परिवारों में एक बिलकिस बानो का भी परिवार था। गोधरा कांड के चार दिन बार तीन मार्च 2002 को बिलकिस के परिवार को बेहद क्रूरता का सामना करना पड़ा। उस वक्त 21 साल की बिलकिस के परिवार में बिलकिस और उनकी साढ़े तीन साल की बेटी के साथ 15 अन्य सदस्य भी थे। दंगाइयों ने बिलकिस के परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारा दिया था।

बिलकिस के साथ क्या हुआ था?
27 फरवरी की घटना के बाद प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे फैल गए। दाहोद जिले के राधिकपुर गांव में बिलकिस बानो का परिवार रहता था। दंगा बढ़ते देख परिवार ने गांव छोड़कर भागने का फैसला लिया। उस वक्त बिलकिस पांच महीने की गर्भवती थीं। वह अपने साढ़े तीन साल की बेटी सालेहा और परिवार के 15 अन्य सदस्यों के साथ गांव से भाग गईं।

3 मार्च 2002 को परिवार चप्परवाड़ गांव पहुंचा और पन्निवेला गांव की ओर जाने वाले कच्चे रास्ते से लगे एक खेत में छुप गया। अदालत में दायर आरोपपत्र के मुताबिक, सजा पाने वाले 11 दोषियों समेत करीब 20-30 लोगों ने हसिया, तलवार और लाठियों से लैस होकर बिलकिस और उनके परिवार पर हमला कर दिया। हमले में बिलकिस की साढ़े तीन साल की बेटी समेत सात लोग मारे गए।

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