दिल्ली पुलिस ने विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़, लाखों रुपए कैश बरामद

नई दिल्ली: विदेशी नागरिकों को टेक्निकल सपोर्ट देने के नाम पर ठगी करने वाले दो अलग-अलग जगह चल रहे फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटरों का दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) यूनिट ने भंडाफोड़ किया है। आईएफएसओ ने दिल्ली के नारायणा विहार और द्वारका इलाकों में चल रहे दो फर्जी कॉल सेंटरों में छापेमारी कर इन कॉल सेंटरों के मालिकों सहित कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है । उनके पास से 23 लैपटॉप, 28 मोबाइल फोन, 2 कंप्यूटर और 6 राउटर जब्त किए गए। छापेमारी के दौरान 23.5 लाख रुपये नकदी भी बरामद हुए हैं।

आईएफएसओ यूनिट के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि सूचना के आधार पर नारायणा में चल रहे कॉल सेंटर पर छापेमारी की गई। यहां पर अमेजन, नॉटर्न, चाइम और पेपैल की ओर से टेक्निकल सपोर्ट देने के बहाने अमेरिकी नागरिकों से ठगी की जा रही थी। पकड़े गए आरोपियों में कॉल सेंटर के मालिक मोहित बंसल, शुभम बंसल उफग काली और पुनीत सहगल भी शामिल हैं। कॉल सेंटर में अमेरिकी नागरिकों से बातचीत कर उनको मदद का भरोसा देकर रकम ऐंठी जा रही थी। पुलिस ने वहां से 17 पुरुष और 4 महिलाएं मिलाकर 21 लोग को गिरफ्तार किया है। छानबीन के दौरान पता चला कि आरोपी पिछले छह साल से फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। इसके अलावा इस मामले में मास्टरमाइंड सुभम बंसल सहित दो और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस से बचने के लिए आरोपी अपना का ठिकाना बदल रहे थे। आरोपियों ने अंग्रेजी बोलने वाले को नौकरी पर रखा हुआ था। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन की जा रही है। इस बात का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि बाकी लोगों को फर्जीवाड़े का पता था या नहीं। आरोपियों के पास से जप्त किए मोबाइल और लैपटॉप की पड़ताल कर कितने लोगों के साथ ठगी की उसका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

डीसीपी ने बताया कि दूसरे मामले में द्वारका सेक्टर-26 से स्पेक्ट्रम इंटरनेट, डायरेक्ट टीवी, अर्थ लिंक, एटीएंडटी, फ्रंटियर इंटरनेट, विनस्ट्रीम जैसी नामी कंपनियों के नाम से टेक्निकल सपोर्ट देने का झांसा दिया जाता था। कॉल सेंटर के मालिक सचिन यादव, शंशांक भरतवाल और जगजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया। यहां गूगल पर विज्ञापन देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। लोगों को टोलफ्री नंबर उपलब्ध कराया जाता था। कॉल करने पर आरोपी उनको संबंधित कंपनी का प्रतिनिधि बताकर ठगी करते थे। मदद के बदले मोटी रकम वसूली जाती थी। जगजीत, सचिन व शशांक पिछले एक साल से कॉल सेंटर चला रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो लैपटॉप, 4 मोबाइल व अन्य सामान बरामद किया है।

छापेमारी के दौरान 42 पुरुषों और 6 महिलाओं सहित कुल 48 लोग इस गतिविधि में शामिल पाए गए। वे यूएसए नंबरों की नकल करके कॉल करने के लिए उच्च स्तरीय तकनीकी सॉफ्टवेयर वॉनेज और रिंग सेंट्रल का उपयोग कर रहे थे। डेस्कटॉप कनेक्शन के लिए उन्होंने “एनीडेस्क, अल्ट्राव्यूअर, टीमव्यूअर” नामक सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया और स्पेक्ट्रम इंटरनेट, डायरेक्ट टीवी, अर्थ लिंक, एटी एंड टी, फ्रंटियर इंटरनेट, विनस्ट्रीम आदि के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के बहाने विदेश में बैठे निर्दोष लोगों को धोखा दे रहे थे। तीन मालिकों और मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और अन्य को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया है। मामले की आगे की जांच की का रही है. सभी संबंधित उपकरणों को जब्त कर अन्य लोगों की संलिप्तता का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

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