ठाणे की अदालत ने लिखित बयान दाखिल करने में देरी के लिए राहुल गांधी पर जुर्माना लगाया

राष्ट्रीय जजमेंट

ठाणे की एक अदालत ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के संदर्भ में संघ (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) का नाम जोड़ने पर संगठन के एक कार्यकर्ता द्वारा राहुल के खिलाफ दायर दीवानी मानहानि के मामले में लिखित बयान दाखिल करने में देरी के आलोक में शुक्रवार को कांग्रेस सांसद पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया।
लिखित बयान दाखिल करने में गांधी की ओर से 881 दिनों की देरी हुई थी और उनके अधिवक्ता नारायण अय्यर ने इस देरी के लिए माफी का अनुरोध करते हुए एक आवेदन दायर किया था।

अय्यर ने दलील दी कि उनके मुवक्किल दिल्ली में रहते हैं और एक सांसद होने के नाते उन्हें यात्राएं करनी पड़ती हैं जिसकी वजह से बयान दाखिल करने में देरी हुई। अय्यर ने पीटीआई-को बताया कि मजिस्ट्रेट अदालत ने माफी के अनुरोध को मान लिया और लिखित बयान स्वीकार कर लिया, लेकिन 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया। मानहानि का मामला आरएसएस कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने दायर किया था। मामले में अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।

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