एक ओर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत

राष्ट्रीय जजमेंट

उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे को लेकर आज कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं की बैठक हुई है। कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति ने दिल्ली में समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ बातचीत की है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने बैठक के बाद कहा कि हमने एक-दूसरे के साथ हर सीट की जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के उत्तर प्रदेश पहुंचने से पहले गठबंधन हो जाएगा। समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि हमने आधा रास्ता तय कर लिया है और बाकी आधा रास्ता भी जल्द ही तय कर लिया जाएगा।

 

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इंडिया गठबंधन के हिस्सा हैं। दोनों ही दलों के बीच मुख्यतः उत्तर प्रदेश को लेकर सीट बंटवारे में समझौता होने की उम्मीद है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारा एक टेढ़ी खीर मानी जा रही है। इसका बड़ा कारण यह है कि समाजवादी हर हाल में 65 से ज्यादा सीटों पर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहती है। वहीं, कांग्रेस 25 से कम सीटों पर तैयार नहीं है। इसके अलावा कांग्रेस ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम को भी फाइनल करने की शुरुआत कर दी है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारा कैसे हो पता है।

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि पश्चिम में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल की अपनी अलग पकड़ है। राष्ट्रीय लोक दल भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस को ढटका देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में उनके शामिल होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘न तो कांग्रेस हमें अपने कार्यक्रमों में बुलाती है, न ही भाजपा।’’ यादव ने पार्टी कार्यालय से ‘‘संविधान बचाओ, देश बचाओ समाजवादी पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) यात्रा’’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा डॉ. भीम राव आंबेडकर, डॉ. राम मनोहर लोहिया और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के विचारों को गांव-गांव तक पहुंचाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने पुराने समाजवादियों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है और यह यात्रा राज्य के कई जिलों से गुजरेगी। इसमें पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और ऊंची जातियों को एकजुट करने का प्रयास किया जाएगा।’’

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More