तीन क्रिमिनल लॉ बिल में क्या है बदलाव, जुर्म और सजा पर क्या हैं नए नियम

राष्ट्रीय जजमेंट

दिसंबर 2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा पिछले सप्ताह पारित किए गए तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को स्वीकृति प्रदान कर दी। तीन नए कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून औपनिवेशिक काल के तीन कानूनों- भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लिया। संसद में तीनों विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन विधेयकों का जोर पूर्ववर्ती कानूनों की तरह दंड देने पर नहीं, बल्कि न्याय मुहैया कराने पर है। हालांकि, इससे क्या बदलेगा, किसका फायदा होगा, इसी को लेकर हमने बात की जानी-मानी कानून विशेषज्ञ आकांक्षा सिंह से।

– क्रिमिनल रिफॉर्म बिल से क्या बदलेगा?

– कई बड़े बदलाव होंगे। पहले जो भी क्रिमिनल लॉ थे, वे सब 18वीं शताब्दी के हिसाब से बने हुए थे। सीआरपीसी को एक बार रिफॉर्म किया गया था। लेकिन आईपीसी पूरी तरीके से पुरानी ही थी। इसके साथ ही यह पहली बार हुआ है जब सजा के रूप में कम्युनिटी सर्विस को लाया गया है। यह उन लोगों के लिए अच्छा होगा जो मजबूरी में छोटे-मोटे गुनाह कर जाते हैं। इस बिल में गैंगरेप और मॉब लिंचिंग के लिए नई चीजों को लाया गया है जिससे आने वाले दिनों में फायदा होगा।

– राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह, क्या सजा होगी?

– यह बहुत अच्छा फैसला है। राजद्रोह को अंग्रेजों ने लाया था यानी कि अगर आप सरकार के खिलाफ कुछ करते हो तो आप दोषी हो सकते हो। लेकिन अब इसमें बदलाव आया है। अब इसे देशद्रोह किया गया है। अब इसमें सरकार को हटा दिया गया है। अब सीधे-सीधे देश को लाया गया है। अगर आप देश के खिलाफ कुछ करते हैं तो यह कानून आपके लागू हो सकता है। दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 7 साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा।

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