मोहन यादव के सामने कई बड़ी चुनौतियां, 2024 को लेकर पूरे करने होंगे वादे

राष्ट्रीय जजमेंट

मध्य प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा का धन्यवाद दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी के विकास कार्यों को आगे बढ़ाऊंगा। उन्होंने कहा कि यह केवल भाजपा पार्टी ही है जो मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। मैं राज्य की विकास यात्रा को आगे बढ़ाऊंगा। मोहन यादव के लिए राज्य में कई बड़ी जिम्मेदारियां सामने हैं। भाजपा के वादों के पूरा करने में उन्हें तत्काल कदम उठाने होंगे। कुछ महीनें में ही 2024 का लोकसभा चुनाव होना है। राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं।इसके अलावा उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी समन्वय बना के रखना होगा। राज्य के कई बड़े नेता राज्य में हैं जो उनसे सीनियर भी हैं। मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश विधायक दल के नए नेता के तौर पर मोहन यादव का नाम प्रस्तावित किया। नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मैं पूरे नेतृत्व को बधाई देता हूं और ऐसे कार्यकर्ता (मोहन यादव) को चुनने के लिए आभार व्यक्त करता हूं जो विचारधारा के प्रति समर्पित हैं और अपनी कड़ी मेहनत से इसके लिए काम करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।मोहन यादव के पिता पूनम चंद यादव अपने बेटे को मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा बेटा राज्य का मुख्यमंत्री बनेगा लेकिन यह माता और बाबा महाकाल का आशीर्वाद है। मोहन यादव को लेकर उनकी बहन ने कहा कि भगवान महाकाल का आशीर्वाद है, पार्टी का आशीर्वाद है। वह 1984 से भाजपा के साथ काम कर रहे हैं। वह जब भी उज्जैन आते थे, तो महाकाल की पूजा करने जाते थे।मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव की पत्नी ने कहा कि हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है। हां, उनका नाम चल रहा था लेकिन हमें ठीक से पता नहीं था। भगवान ने उन्हें उनकी मेहनत का फल दिया है। यादव, जिन्हें मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में नहीं देखा गया था, को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का करीबी माना जाता है। वह तीन बार के विधायक और एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं। ओबीसी मप्र की आबादी का 48 प्रतिशत से अधिक हैं। वह पहली बार 2013 में उज्जैन दक्षिण से विधायक चुने गए। इसके बाद 2018 और फिर 2023 में विधानसभा सीट बरकरार रखी।

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