आशा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में किया प्रदर्शन

राष्ट्रीय जजमेंट 

मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) बढ़ी संख्या में दिल्ली के जंतर मंतर पर सोमवार को एकत्र हुईं और न्यूनतम पारिश्रमिक के अनुरूप उनका मानदेय बढ़ाने की मांग की। उन्होंने अपना मानदेय बढ़ा कर प्रति माह कम से कम 26,000 रुपये करने की मांग की।सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) से संबद्ध संघ, ‘आशा वर्कर्स एंड फैसिलिटेटर्स ऑफ इंडिया’ द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में, लगभग 18 राज्यों की आशा कार्यकर्ता अधिक पारिश्रमिक, और श्रम अधिकारों की मांग को लेकर धरना पर बैठीं।धरना को संबोधित करते हुए सीटू के महासचिव तपन सेन ने केंद्र सरकार पर निजी कंपनियों का साथ देने और स्वास्थ्य सेवा के निजीकरण को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य सेवा के निजीकरण का विरोध करना होगा। यह सरकार सांप्रदायिक ताकतों और कॉरपोरेट का गठजोड़ है…हमें इस बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है।’’ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स की महासचिव ए.आर. सिंधु ने कहा कि 18 राज्यों के कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। आशा कार्यकर्ताओं की मांग है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सार्वभौमिक, और पर्याप्त वित्तीय आवंटन के साथ एक स्थायी योजना बनाई जाए।उन्होंने उन्हें नियमित करने, न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह करने, सभी सामाजिक सुरक्षा लाभों के साथ 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन, ड्यूटी के लिए यात्रा व्यय का भुगतान, छह महीने का वैतनिक मातृत्व अवकाश, 20 दिनों का आकस्मिक अवकाश (सीएल) और मेडिकल छुट्टी का प्रावधान करने भी मांग की।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More