राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को लगाई कड़ी फटकार

राष्ट्रीय जजमेंट

उच्चतम न्यायालय ने देश के लगभग 70 प्रतिशत चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस प्रशिक्षुओं को देय अनिवार्य भत्ते का भुगतान नहीं करने का तथ्य सामने आने पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को कड़ी फटकार लगाई।प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की पीठ ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग क्या कर रहा है? ये युवा डॉक्टर 16 से 20 घंटे काम कर रहे हैं…यह बंधुआ मजदूरी जैसी है।’’पीठ ने कहा कि निजी मेडिकल कॉलेज, जो छात्रों को प्रवेश देते समय भारी डोनेशन या कैपिटेशन शुल्क लेते हैं लेकिन एमबीबीएस प्रशिक्षुओं को अनिवार्य भत्ते का भुगतान नहीं कर रहे हैं और पूछा कि एनएमसी नियामक के रूप में क्या कर रहा है।’’यह टिप्पणी तब आई जब एक वकील ने यह आरोप दोहराया कि देश के 70 प्रतिशत चिकित्सा महाविद्यालय एमबीबीएस प्रशिक्षुओं को देय अनिवार्य भत्ते का भुगतान नहीं किया जा रहा है। एनएमसी के वकील ने जानकारी एकत्र करने और पीठ को संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कुछ समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

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