समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर फैसला

राष्ट्रीय जजमेंट

समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाने के लिए उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ बैठी हुई है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला 17 अक्टूबर को सुना रहा है। इस मामले पर प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ समलैंगिक विवाह मामले पर फैसला सुना रहे है।बता दें कि न्यायालय ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध करने वाली 21 याचिकाओं पर फैसला सुनाना शुरू किया। इस मामले में चार अलग-अलग फैसले हैं, जिसकी जानकारी प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने दी है। उन्होंने कहा कि यह अदालत कानून नहीं बना सकती, वह केवल इसकी व्याख्या कर सकती है और इसे प्रभावी बना सकती है। उन्होंने कहा कि समलैंगिकता केवल शहरी अवधारणा नहीं है या समाज के उच्च वर्ग तक ही सीमित नहीं है। डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच ने इस मामले पर फैसला लिया है। बेंच ने 11 में को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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