तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर धन लेने का आरोप

राष्ट्रीय जजमेंट

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से धन लेने का आरोप लगा कर राजनीतिक रूप से सनसनी फैला दी है। इस आरोप के बाद जहां कई सांसदों ने इस मामले की जांच की मांग की है वहीं महुआ समेत विपक्षी दलों ने आरोप को गलत बताया है। निशिकांत दुबे के आरोप पर पलटवार करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह जांच का स्वागत करेंगी। हम आपको बता दें कि संसद में अपने तीखे भाषणों और विरोधियों पर आक्रामक हमलों के लिए जाने जाने वाले दोनों सांसद निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा पिछले कुछ वर्षों में कई मुद्दों पर अक्सर एक-दूसरे पर निशाना साधते रहे हैं।निशिकांत दुबे ने ओम बिरला को ‘‘संसद में ‘सवाल पूछने के लिए नकदी लेने’ का मामला फिर से सामने आने को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में ‘विशेषाधिकार के गंभीर उल्लंघन’, ‘सदन की अवमानना’ और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ए के तहत एक अपराध में संसद सदस्य (लोकसभा) महुआ मोइत्रा की सीधी संलिप्तता का आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे ने एक वकील से मिले पत्र का हवाला देते हुए कहा कि वकील ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता और एक व्यवसायी के बीच रिश्वत के लेन-देन के “अकाट्य” सबूत साझा किए हैं। निशिकांत दुबे ने लोकसभाध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि हाल तक लोकसभा में महुआ मोइत्रा द्वारा पूछे गए 61 में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे, जिस पर टीएमसी सांसद ने अक्सर कदाचार का आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे ने ओम बिरला से महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक ‘‘जांच समिति’’ गठित करने का आग्रह किया। भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘इसमें रत्ती भर भी संदेह नहीं है कि महुआ मोइत्रा ने संसद में प्रश्न पूछकर एक व्यवसायी श्री दर्शन हीरानंदानी के व्यावसायिक हितों का संरक्षण करने के लिए आपराधिक साजिश रची है, जो 12 दिसंबर, 2005 के ‘सवाल पूछने के बदले नकदी लेने’ से जुड़े प्रकरण की याद दिलाती है।’’

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