(आप) नेता राघव चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि आवंटन रद्द होने के बाद सरकारी बंगले पर कब्जा

राष्ट्रीय जजमेंट

दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि आवंटन रद्द होने के बाद भी उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगले पर कब्जा कायम रखने का पूर्ण अधिकार है।अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुधांशु कौशिक ने 18 अप्रैल को पारित उस अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा को सरकारी बंगले से बेदखल नहीं करने का निर्देश दिया गया था।आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चड्ढा ने कहा कि वह उचित समय पर कानून के तहत उचित कार्रवाई करेंगे। उन्होंने एक बयान में कहा, निचली अदालत ने शुरू में मेरी याचिका स्वीकार कर ली थी और मुझे अंतरिम राहत दी थी। अब इसने कानूनी आधार पर मेरा मामला पलट दिया है। मैं उचित समय पर कानून के तहत उचित कार्रवाई करुंगा।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More