प्रशासन ने शिवांता जेडी मिनरल्स खड़िया स्टॉक की छापामारी, अवैध खनन के गढ्ढे और मिले काली राख के ढेर

RJ NEWS

लालकुआँ। लालकुआँ तहसील क्षेत्र के हल्दूचौड़ में स्थित गंगापुर में शिवांता जेडी मिनरल्स खड़िया स्टॉक के मालिक ने परिसर के अंदर भूमि पर जेसीबी से अवैध खनन कर विशाल गड्ढा खोद दिया। जिसे मिल से लायी गई काली राख से भरा जा रहा था। इस संबंध में मिली शिकायत पर प्रशासनिक टीम ने खड़िया स्टॉक पर छापा मारा। जहां टीम को गहरा गड्ढा मिला जिसकी पैमाइश करने के बाद टीम ने रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी है। इस दौरान स्टॉक परिसर में प्रशासन की टीम को भारी मात्रा में  काली राख के ढेर भी मिले। बताया जा रहा है की यह काली राख सेंचुरी पेपर मिल से डंपर वाहनों में भरकर खड़िया स्टॉक परिसर में लाई गई थी।
वहीं हल्दूचौड़ क्षेत्र के गंगापुर में स्थित शिवांता जेडी खड़िया मिनरल्स स्टॉक के अंदर अवैध खनन होने की सूचना प्रशासन को मिली जिस पर तहसीलदार मनीषा बिष्ट ने तुरंत इसका संज्ञान लेते हुए नायब तहसीलदार राजीव बर्मा को टीम के साथ मौके पर जाकर स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिये।तहसीलदार के आदेश के बाद दोपहर में नायब तहसीलदार राजीव बर्मा ने पटवारी सुनीता लोहनी के साथ शिवांता जेडी मिनरल्स खड़िया स्टॉक में छापा मारा। लेकिन छापे की सूचना से पूर्व ही स्टॉक परिसर पर मौजूद खनन माफिया भाग निकले। प्रशासन की टीम द्वारा परिसर में खोदी गई भूमि की पैमाइश करने के साथ ही परिसर में लगे काली राख के ढेर की भी फोटोग्रापी की गई।
वहीं नायब तहसीलदार राजीव बर्मा ने बताया कि छापे के दौरान जिस भूमि से अवैध रूप से उपखनिज निकाला गया था। उसकी पैमाइश कर रिपोर्ट तैयार की गई। उन्होंने बताया कि करीब 15 मीटर लंबा और 4 मीटर गहरा जेसीबी से गड्ढा कर उपखनिज निकली गई थी और उक्त गड्ढे को मिल की काली राख से भरा जा रहा था। इस मामले में स्टॉक मालिक को नोटिस भेजा जाएगा।
नायब तहसीलदार ने कहा कि काली राख सेंचुरी पेपर मिल लालकुआँ की बताई जा रही है। यह काली राख मिल से स्टॉक परिसर तक कैसे पहुंची तथा इसे कौन लाया इसकी भी गहराई से जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सेंचुरी पेपर मिल प्रशासन से भी इस मामले में पूछा जाएगा जिसके बाद आगे की कार्यवाई की जाएगी।
बताते चलें कि विगत कई दिनों से स्थानीय सेंचुरी पेपर मिल की काली राख डंपर वाहनों में भरकर खुलेआम लालकुआँ क्षेत्र के कई क्रशरों में पहुंचायी जा रही थी। बताया जा रहा है कि उक्त काली राख से स्टोन क्रेशरों में मिलावट का बड़ा खेल खेला जाता है और इसका खामियाजा खरीदारों को भुगतना पड़ता है। लेकिन तमाम शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने इस ओर से अपनी आंखें मूंद रखी थी।
वहीं विगत कई दिनों से सोशल मीडिया पर चली लगातार खबरों के बाद प्रशासन एकाएक हरकत में आया और उसके द्वारा क्षेत्र के कुछ क्रेशरों पर छापेमार कार्यवाई की गई। लेकिन कुछ दिन बंद रहने के बाद मिल से काली राख से भरे डंपर वाहनों का क्रेशरों की ओर जाने का सिलसिला फिर से शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि काली राख की मिलवाट के इस खेल में कई असरदार लोग शामिल हैं जिनकी मिलीभगत से क्रेशरों में काली राख की मिलवाट  का यह खेल विगत लम्बे समय से लगातार जारी है।

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