शिवहर:सूबे बिहार के नियोजित शिक्षक, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिशन को पुरे मनोयोग से निष्ठा व ईमानदारी पूर्वक सफलीभूत करने हेतु अपने कर्त्तव्यपथ पर निरंतर अग्रसर है। बिहार के शिक्षण व्यवस्था की सुदृढीकरण, उन्मुखीकरण एवं उन्नयन की दिशा में नियोजित शिक्षक सदैव प्रयासरत व कृत संकल्पित हैं। बावजुद नियोजित शिक्षक राज्य सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण समान कार्य करते हुए भी असमानता की पीड़ा का दंश झेल रहे हैं।उक्त बातें बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र चन्द्र सचिव दिलीप कुमार व बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला प्रभारी नवनीत कुमार मनोरंजन अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह व प्रधान सचिव मोहम्मद शर्फुद्दीन ने संयुक्त रूप से प्रतिरोध मार्च में शामिल शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि वर्षो से नियोजित शिक्षक पुरानी पेंशन, राज्यकर्मी का दर्जा आदि की मांग करते आ रहे हैं। महागठबंधन ने बिहार विधान सभा चुनाव 2020 के चुनावी घोषणा पत्र में नियोजित शिक्षकों की मांगों को पूरा करने का वादा प्रमुखता से शामिल किया था।अगस्त 2022 में महागठबंधन की सरकार बनने के उपरांत सूबे के नियोजित शिक्षकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई उम्मीदों की नई किरण का नवसंचार हुआ | परन्तु ठीक इसके विपरीत 10 अप्रैल 2023 को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत बिहार विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति,स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2023 निर्गत होने के बाद पूर्व से नियुक्त सेवारत शिक्षक जो अपने जीवन का बहुमूल्य हिस्सा ईमानदारीपूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए विद्यालय के पठन-पाठन व बेहतर शिक्षण व्यवस्था के संचालन में व्यतीत कर चुके हैं ।
साथ ही विभागीय नियमानुकुल दक्षता / पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके शिक्षकों के अनुभवों की अनदेखी कर राज्यकर्मी के दर्जा के लिए पूर्व से नियुक्त सभी नियोजित शिक्षकों को शिक्षक अभ्यर्थी के समतुल्य घोषित करने का निर्णय शिक्षकों के जीवन पर कुठाराघात, अत्यंत पीड़ादायक एवं घोर निराशाजनक है।प्रमंडल उपाध्यक्ष अबरार अकरम सचिव संजय प्रसाद, जिला संयुक्त सचिव राज कुमार साह, डॉ नन्दलाल सहनी सलाहकार आशुतोष कुमार रोहित कार्यालय सचिव उदयशंकर गुप्ता, प्रवक्ता सत्येन्द्र कुमार यादव, माध्यमिक संघ के अनुमंडल अध्यक्ष शत्रुधन कुमार, सचिव मोहम्मद मुमताज़ राज्य सदस्य मोहम्मद शकील अख़्तर, वकील अहमद, अनील कुमार सिंह व अभय शंकर ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि नई नियमावली 2023 निर्गत होने के बाद सूबे बिहार के नियोजित शिक्षकों में सरकार के प्रति घोर आक्रोश, असंतोष व क्षोभ व्याप्त है।
बिहार राज्य अध्यापक नियमावली 2023 में संशोधन करते हुए राज्य के शिक्षा एवं शिक्षक हित में पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत पूर्व से नियुक्त सभी नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी के रूप में समायोजित करते हुए पूर्ण वेतनमान व पुरानी पेंशन लागू करे अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।मौके पर चंदेश्वर कुमार,हिमांशु प्रियदर्शी, मनोज कुमार, राहुल कुमार, लाल बिहारी, तुफैल अंसारी,बिरेंद्र बैठा,हेमनारायण, शिवनाथ साह, रविन्द्र मांझी, उमाशंकर सिंह, वासूदेव,अशरफ अली, धर्मेंद्र कुमार, बजरंगी साह, आलोक कुमार, राजेश कुमार, उमेश कुमार बैठा, वीरेश्वर सिंह, राजीव कुमार,ललन कुमार, रूपेश कुमार,पप्पू कुमार सिंह, कृष्ण मुरारी, सुरेश कुमार, मोहम्मद कमरे आलम, जयशंकर प्रसाद, अनामिका निधि,विभा कुमारी, राधेश्याम पासवान, बिरेंद्र कुमार सुमन सहित सैकड़ों शिक्षक व शिक्षिकाऐं मौजूद थे।
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