क्रोध प्राणी का महान् शत्रु है – आचार्य अभिषेक

राष्ट्रीय जजमेंट कानपुर नगर

आपको बता दें कानपुर नगर के आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस पर आचार्य अभिषेक शुक्ल जी ने कहा कि शुभकर्म से सुख तथा पापकर्म से दुःख मिलता है,सर्वत्र कृत कर्म फल देता है,कहीं अकृत कर्म  का  भोग नहीं किया जाता है,कर्म करने पर ही फल मिलता है,अतः सदा यथाशक्ति शास्त्रविहित सत्कर्मों को करना चाहिए  और कहा एकान्त में पाप कर्म करते हुए मानव को ऋतुएँ तथा रात-दिन भी सदा ही देखते हैं,अत्यन्त गोपनीय रूप से भी किया गया मनुष्य का पाप परमात्मा की दृष्टि में गुप्त नहीं रहता है,अतः एकान्त में भी अनुचित कर्म नहीं करना चाहिए,सुदामा चरित्र का पावन वर्णन करते कहा की प्राचीन गुरुकुल पद्धति नितान्त स्मरणीय और अनुकरणीय है जिस गुरुकुल में राजकुमार श्रीकृष्ण ने विद्याध्ययन किया उसी गुरुकुल में विपन्न विप्रकुलोद्भव सुदामा जी ने भी विद्या अर्जित की l
नृग चरित्र,अवधूत उपाख्यान में कहा की दत्तात्रेय जी ने पृथ्वी से क्षमाशीलता की शिक्षा प्राप्त की क्षमा दिव्यगुण है। शक्तिसम्पन्न होने पर भी अपने प्रति अपराध करने वाले को किसी प्रकार का दण्ड न देना क्षमा है,इससे क्रोध की शान्ति होती हे,

क्रोध प्राणी का महान् शत्रु  है,अपनी इच्छा के विपरीत यदि कोई प्राणी आचरण करता है तो उसके प्रति क्रोध या उसके अनिष्ट की भावना उत्पन्न होती है,इसके उपशमन का उत्तम साधन क्षमा है।आज यह कथा विश्राम को प्राप्त हुई l इस अवसर पर आयोजक  ……मुरारी लाल अग्रवाल ,प्रांतप्रचारक श्रीराम भाई साहब ,क्षेत्र संपर्कप्रमुख सुरेश जी भाई साहब संघ ,बाबा महाकाल सेवा समिति के पदाधिकारियों का सम्मान प्रतीक चिन्ह देकर के किया गया , मंदिर प्रबंधक  ज्योतिषाचार्य आचार्य नरेंद्र शास्त्री  समिति के पदाधिकारियों को कार्यकर्ताओं को ब्राह्मणों को धन्यवाद ज्ञापित किया जे पी त्रिपाठी,वीरेंद्र मिश्रा घनश्याम त्रिपाठी विपिन बाजपाई असीम श्रीवास्तव अजीत श्रीवास्तव दीपा निगम,गीता निगम डॉ संध्या ठाकुर ,पुष्पा सिंह चौहान

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