बरेली: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरगाहों, खानकाहो और मदरसों में ‘मन की बात’ करने का जो कार्यक्रम बनाया है वो ऐतिहासिक कदम है। इससे हुकूमत और मुसलमानों के दरम्यान जो बहुत सारी गलतफहमियां पैदा हो गई हैं, वो दूर होंगी। संवाद का सिलसिला शुरू होगा। मौलाना ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री पर हर नागरिक का हक है और प्रधानमंत्री का भी हर नागरिक पर अधिकार है कि वो अपने ‘मन की बात’ कहें व सुनाएं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इस पहल से बहुत सारे ऐसे लोग जिनके जहनों में दरगाहों, खानकाहो और मदरसों के संबंध में गलत तस्वीर बनी हुई है, इस गलतफहमी का खात्मा होगा। इन संस्थानों से मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम पूरी दुनिया को पहुंचेगा। मौलाना ने कहा कि वह इस संवाद कार्यक्रम का समर्थन करते हैं। उनका ख्वाहिश है कि ये डायलॉग बड़े पैमाने पर जगह जगह होना चाहिए ताकि गलतफहमियों के बादल छंटे और एक नई शुरुआत हो। इनके इस कदम से इतिहास के ढके चुके दरवाजों को दोबारा नए अंदाज में खोलने की कोशिश कर रहे हैं।
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