कृषि विज्ञान केंद्र में उगायी गई फसल व बनायी जा रही वर्मी कम्पोस्ट

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट

फतेहपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र थरियांव में आयोजित स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन हेतु वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण एवं संचालन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का जिलाधिकारी श्रुति ने दीप प्रज्वलित कर, मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण कर शुभारंभ किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण की प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ ले और वर्मी कम्पोस्ट बनाकर आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बने। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से मृदा का भी स्वस्थ रहेगी और उससे पैदा होने वाले अन्न स्वस्थ होगा, जिससे कि हमारी पीढ़ी को बीमारियों से जूझना पड़ेगा। कीटनाशक के प्रयोग से हमारी पैदावार बढ़ी जरूर है परंतु गुणवत्ता में कमी आयी है।

जिससे कि अनेको बीमारिया फैलती है। इसके लगातार प्रयोग से मृदा भी बंजर हो रही है, के बचाव के लिए वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग जरूरी है। हम सबको पुरानी पद्धति को वापस लाना है जो पहले गौ आधारित खेती की जाती रही हैं, को बढ़ावा दे | जनपद की गौशालाओं से जुड़कर समूह की महिलाएं वर्मी कामोस्ट बनाकर अपने आपको आत्मनिर्भर करते हुए मृदा को स्वस्थ बनाए। उन्होंने कहा कि समूह की महिलाएं प्रशिक्षण में उनके मन मे जो सवाल हो बेजीझक पूँछकर अपनी समस्या का निराकरण अवश्य कर ले। प्रशिक्षण लेकर इस प्रक्रिया को धरातल में उतारे। इसके पश्चात कृषि विज्ञान केंद्र में उगायी गई फसल व बनायी जा रही वर्मी कम्पोस्ट का अवलोकन कर जानकारी ली।

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