गाजियाबाद: जिले के साहिबाबाद के रिस्तल गांव के दोस्त गौरव कसाना (25) और दुर्गेश कसाना (25) की बर्बरता से पीटकर हत्या करने के बाद शव अलग-अलग गांव के खेत में फेंक दिए गए। पहचान मिटाने के लिए दोनों के चेहरे तेजाब से झुलसा दिए गए।उनकी तलाश चल ही रही थी कि बुधवार दोपहर तीन बजे ईंट भट्टे पर काम करने वाले लोगों ने महमूदपुर गांव में सरसों के खेत में गौरव का शव पड़ा देखा। पुलिस के पहुंचने पर आसपास भी देखा गया तो लगभग 700 मीटर की दूरी पर सिती गांव में सरसों के ही खेत में दुर्गेश का शव भी मिल गया।
दोनों के शव पर पीटे जाने के निशान थे। गला नीला पड़ा हुआ था। शव देखकर लग रहा था कि उनकी हत्या तीन से चार दिन पहले ही कर दी गई। माना जा रहा है कि 31 की रात को ही उनकी जान ले ली गई। दोनों के चेहरे तेजाब से झुलसे हुए थे।दोनों के शव मिलने की सूचना पर रिस्तम गांव के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। शव रखकर लोगों ने प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि दोनों की हत्या तार जलाने वाली फैक्टरियों के मालिक ने कराई है।
तार जलने से निकलने वाले धुएं से गांव के लोगों का सांस लेना तक दूभर हो जाता है। गौरव और दुर्गेश फैक्टरियों को अवैध बताते हुए उनके खिलाफ अभियान चला रहे थे।गौरव के ताऊ के बेटे अजय ने बताया कि वे फैक्टरी मालिक पर कार्रवाई चाहते हैं। गौरव और दुर्गेश के लापता होने के बाद से ही दोनों फैक्टरी बंद हैं। उनका मालिक फरार हो गया है। सवाल यह भी है कि पुलिस-प्रशासन ने अवैध फैक्टरियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की? जांच इसकी भी होनी चाहिए कि फैक्टरियां किसके संरक्षण में चल रही हैं।
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